हरियाणवी जगत सिंह ने उपराष्ट्रपति के लिए नामांकन भरा:राष्ट्रपति के लिए 3 बार पर्चा रद्द, 3 बार MP-MLA चुनाव लड़े; वादा-SYL में पानी लाएंगे
5 hours ago

हरियाणा में भिवानी के रहने वाले जगत सिंह ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है। वो पहले भी 3 बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन कर चुके हैं। वह 2 बार लोकसभा और एक बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। बिजली निगम से क्लर्क पद से रिटायर जगत सिंह साल 2012 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। हर चुनाव में वह सरकारी कर्मचारियों के मुद्दे ही उठाते हैं। जगत सिंह कहते हैं- कर्मचारियों की मांगें पूरी हो जाएं और SYL नहर में पानी आ जाए, यही सपना है। चांग गांव के जगत सिंह 71 वर्ष 6 माह के हो चुके हैं। जिन्होंने 36 साल 2 माह तक बिजली निगम में नौकरी की। इस दौरान मीटर रीडर से शुरुआत की और कई पदों पर रहे। वहीं 2012 में वे अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) के पद से रिटायर हो गए। इसके बाद उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ने का मन बनाया। इसलिए उन्होंने वर्ष 2012, 2017 व 2022 में लगातार राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए, लेकिन आवेदन पत्र रिजेक्ट होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाए। जानिए कैसे रिटायरमेंट के बाद चुनाव में उतरने का मन बनाया... रिटायर होते ही सीधे राष्ट्रपति चुनाव के लिए पर्चा भरा
साल 2012 में जगत सिंह क्लर्क पद से रिटायर हुए। तभी मन बना लिया था कि अपने सरकारी कर्मियों की मांगें पूरी करवाने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगे। 2012 में सीधे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भर दिया। उस चुनाव में कांग्रेस गठबंधन की ओर से प्रणब मुखर्जी और विपक्ष की ओर से पीए संगमा उम्मीदवार थे। प्रणब मुखर्जी 13वें राष्ट्रपति बने। जगत सिंह का नामांकन रद्द हो गया था। 2017 व 2022 में भी राष्ट्रपति के लिए नामांकन किया
साल 2017 में 14वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा ने रामनाथ कोविद और कांग्रेस व विपक्ष ने मीरा कुमार को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाया। जगत सिंह भी अपना नामांकन करने पहुंच गए। 2012 की तरह इस बार भी उनका नामांकन रद्द हो गया। फिर 2022 में 15वें राष्ट्रपति के चुनाव में भी जगत सिंह ने नामांकन किया। तब भाजपा नीत NDA ने द्रोपदी मुर्मू और विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाया। इस बार भी जगत सिंह का नामांकन रद्द हुआ। राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीनों बार नामांकन रद्द क्यों हुआ
राष्ट्रपति चुनाव में में नामांकन के साथ 50 सांसद प्रस्ताव व 50 अनुमोदक होने जरूरी हैं। जगत सिंह का किसी सांसद ने समर्थन नहीं किया था। उपराष्ट्रपति के लिए यह संख्या 20+20 होना जरूरी है। यानी 40 सांसदों का समर्थन जरूरी है। जगत सिंह के पास इस बार भी समर्थन नहीं, लिहाजा नामांकन रद्द होना तय है। खाली पद भरने और SYL में पानी की मांग
जगत सिंह का कहना है कि मेरा चुनाव लड़ने का मकसद है कि सरकारी कर्मचारियों की मांगें पूरी हो सकें। बिजली निगम में नौकरी के दौरान मैंने देखा कि कर्मचारियों के ऊपर कितना वर्क लोड होता है। चुनाव में उनका मुद्दा सभी विभागों में रिक्त पड़े पदों को नियमित भर्ती से भरना रहता है। इसके अलावा, एक्सग्रेसिया पॉलिसी शुरू की जाए। कर्मचारियों को बोनस व पेंशन दी जाए। SYL का पानी जो पाकिस्तान में जा रहा है और भारत को इसके लिए मुआवजा देना पड़ता है। इस SYL के पानी को पाकिस्तान जाने से रोककर राजस्थान व हरियाणा में पहुंचाया जाए।
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