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    कांग्रेस नेता गोगोई का चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल:कहा- जनता में ECI को लेकर संदेह, सरकार संसद में चर्चा से भाग रही

    3 hours ago

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    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में डिप्टी लीडर ऑफ अपोजीशन गौरव गोगोई ने रविवार को चुनाव आयोग (EC) की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहता है कि मतदाता सूची में संशोधन को लेकर संसद में खुलकर चर्चा हो, लेकिन सरकार इसे टाल रही है। असम कांग्रेस की विस्तारित कार्यकारिणी बैठक से पहले मीडिया से बात करते हुए गोगोई ने कहा कि आज जनता के मन में चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर संदेह है। सरकार इससे चर्चा क्यों भाग रही है? क्या यह बीते विधानसभा और लोकसभा चुनावों में की गई किसी गड़बड़ी को छिपाने की कोशिश है? वहीं, चुनाव आयोग किसी विभाग के अंतर्गत नहीं आता, इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती। सरकार के तर्क को गोगोई ने बेतुका बताया और कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री और सरकार करती है, ऐसे में जवाबदेही भी बनती है। गोगोई बोले-शाह ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी नहीं ली गोगोई ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति न तो संवेदना जताई और न ही खुफिया विफलता की जिम्मेदारी ली, जो उनके मंत्रालय के अधीन है। बैठक में कांग्रेस की आगामी रणनीति पर विस्तार से चर्चा हो रही है। असम की 126 विधानसभा सीटों पर चुनाव अगले साल मार्च-अप्रैल में संभावित हैं। राहुल बोले- भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है राहुल गांधी ने शनिवार को पिछले 10 दिनों में तीसरी बार इलेक्शन कमीशन पर निशाना साधा। राहुल ने कहा, भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है। हम आने वाले कुछ दिनों में आपको साबित कर देंगे कि लोकसभा चुनाव में कैसे धांधली हो सकती है और हुई भी। भारत के पीएम के पास बहुत कम बहुमत है। अगर 10-15 सीटों पर भी धांधली न होती तो वे भारत के प्रधानमंत्री भी नहीं होते। राहुल ने ये बातें दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एनुअल लीगल कॉन्क्लेव- 2025 में कहीं। राहुल के इस बयान का रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को जवाब दिया। राजनाथ बोले- अगर आपके पास परमाणु बम है तो उसे फोड़ दें। हां इतना ख्याल रखें कि आप सुरक्षित रहें। राहुल की स्पीच, 4 आरोप लगाए ECI ने लिखा-कांग्रेस को आपत्ति तो कोर्ट जा सकती है चुनाव आयोग (ECI) ने शनिवार को 12 जून को राहुल गांधी को भेजा गया लेटर जारी किया है। ECI के मुताबिक, यह पत्र उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर दिए गए बयानों पर भेजा था और मुलाकात कर आरोप साबित करने को कहा था। राहुल ने अब तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया और न ही मुलाकात की। चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए लेटर में लिखा है कि कांग्रेस ने पहले भी नवंबर 2024 के चुनावों के बाद ऐसे ही आरोप लगाए थे, जिनका विस्तृत जवाब 24 दिसंबर 2024 को दिया गया था। पत्र में बताया गया है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता से, कानून के अनुसार और हजारों अधिकारियों की निगरानी में कराए गए। आयोग ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस को कोई कानूनी आपत्ति थी तो वह कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल कर सकती थी। चुनाव आयोग ने लिखा, फिर भी यदि राहुल गांधी को कोई और शिकायत है, तो वे आयोग को लिख सकते हैं या व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर सकते हैं। आयोग ने बातचीत के लिए तारीख और समय तय करने का सुझाव भी दिया है। चुनाव आयोग ने एक दिन पहले दिया था जवाब... इलेक्शन कमीशन पर लगातार निशाना साध रहे राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जवाब दिया था। इलेक्शन कमीशन ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग ऐसे निराधार आरोपों को नजरअंदाज करता है। लगातार दी जा रही धमकियों के बावजूद, हम सभी चुनाव अधिकारियों से कहना चाहते हैं कि वे पहले की तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करें। गैरजिम्मेदाराना बयानों को नजरअंदाज करें। राहुल के निशाने पर चुनाव अधिकारी, 2 मामले... 1 अगस्त 2025: राहुल बोले- मेरे पास चोरी के 100% सबूत हैं राहुल ने आगे कहा कि मैं इसे हल्के में नहीं, बल्कि सौ प्रतिशत प्रमाण के साथ कह रहा हूं। जैसे ही हम इसे जारी करेंगे, पूरे देश को पता चल जाएगा कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए वोट चुराने का काम कर रहा है। हमें मध्य प्रदेश चुनाव, लोकसभा चुनाव में शक था, महाराष्ट्र चुनाव के दौरान हमारा शक और बढ़ गया। 24 जुलाई 2025: आप सोचते हैं कि बच जाएंगे, ये आपकी गलतफहमी है राहुल ने कहा, 'चुनाव आयोग ने कर्नाटक की एक सीट पर धोखाधड़ी कराई। हमारे पास इसके 100% सबूत हैं। एक ही निर्वाचन क्षेत्र में 50, 60 और 65 साल के हजारों नए वोटरों को सूची में जोड़ा गया है और 18 साल से ज्यादा उम्र के वोटरों को सूची से हटा दिया गया है।' कांग्रेस सांसद ने कहा, 'हमे अभी एक सीट की जांच में यह गड़बड़ी मिली। मुझे पूरा यकीन है कि हर सीट पर यही नाटक चल रहा है। मैं चुनाव आयोग को एक मैसेज देना चाहता हूं। अगर आपको लगता है कि आप इससे बच निकलेंगे, तो ये आपकी गलतफहमी है। बिहार वोटर वेरिफिकेशन पर राहुल सहित पूरा विपक्ष हमलावर बिहार वोटर वेरिफिकेशन को लेकर राहुल सहित पूरा विपक्ष इलेक्शन कमीशन की आलोचना कर रहा है। संसद के बाहर और अंदर विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इस बीच बिहार में चुनाव आयोग की ओर से आज यानी शुक्रवार को वोटर लिस्ट का नया ड्राफ्ट पॉलिटिकल पार्टी को जारी किया गया है। बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के पहले चरण के आंकड़े चुनाव आयोग के बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण के आंकड़े के अनुसार, कुल मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है, जबकि पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था। यानी करीब 65 लाख मतदाताओं के सूची से हटाए गए हैं। हटाए गए नामों के पीछे का कारण वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों में वे लोग शामिल हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इसके अलावा स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं या जिनके नाम दो बार दर्ज थे। आंकड़ों के अनुसार, 22 लाख मतदाताओं की मौत हो चुकी है, 36 लाख मतदाता अन्य स्थानों पर स्थानांतरित पाए गए हैं और 7 लाख लोग किसी नए जगह स्थायी निवासी बन चुके हैं। 24 जून 2025 से शुरू हुआ था विशेष अभियान SIR 24 जून 2025 को शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य था फर्जी, दोहराए गए और स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाना और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना। इस कार्य के तहत 7.24 करोड़ मतदाताओं से फॉर्म लिए गए। पहला चरण 25 जुलाई 2025 तक पूरा किया गया, जिसमें 99.8% कवरेज हासिल की गई। --------------------------------- ये खबर भी पढ़ें बिहार की वोटर लिस्ट से 65 लाख नाम हटे:22 लाख की मौत हो चुकी; SIR के आंकड़े जारी, राज्य में 7.24 करोड़ वोटर चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के पहले चरण के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक बिहार में अब 7.24 करोड़ वोटर हैं। पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था। वोटर लिस्ट रिवीजन के बाद 65 लाख नाम सूची से हटा दिए गए हैं। हटाए गए नामों में वे लोग शामिल हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं या फिर कहीं और स्थायी रूप से रह रहे हैं या जिनका नाम दो वोटर लिस्ट में दर्ज था। पूरी खबर पढ़ें
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