महाकाल का गणेश स्वरूप में श्रृंगार:ओंकारेश्वर का नर्मदा जल से अभिषेक, मेवा प्रसादी का भोग; भोजपुर में नागेश्वर स्वरूप में दर्शन
1 week ago

आज श्रावण माह का तीसरा सोमवार है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में वीरभद्र के कान में स्वस्ति वाचन कर चांदी का पट खोला गया। कर्पूर आरती की गई। नंदी हॉल में नंदी का स्नान, ध्यान, पूजन किया गया। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भगवान महाकाल का रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट आभूषण के साथ भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई गई। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष के साथ-साथ फूलों की माला भगवान महाकाल ने धारण की। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। विनायक चतुर्थी होने के कारण भगवान महाकाल का गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया है। खंडवा में भगवान ओंकारेश्वर का नर्मदा जल से अभिषेक किया गया। विशेष श्रृंगार के बाद गुलाब के फूल, बिल्व पत्र चढ़ाए गए। मंगला आरती के दौरान बाबा ओंकार को मेवा प्रसादी का भोग लगाया। रायसेन में भोजेश्वर महादेव को 5 क्विंटल फूल, धतूरे, बिल्व पत्र और आम के पत्तों के साथ नागेश्वर स्वरूप में सजाया गया है। टीकमगढ़ के शिव धाम, कुंडेश्वर में सवा किलो भांग से शिव का आकर्षक श्रृंगार होगा। शाम 7 बजे महा आरती होगी। सीहोर के कुबरेश्वर महादेव के दर्शन के लिए लोग बारिश में भीगते पहुंच रहे हैं।
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