मरे वोटर्स बोले-लोकसभा में वोट दिया, विधानसभा में मार दिया:300 मृतकों की लिस्ट, 200 घर पहुंचे 20 भास्कर रिपोर्टर, लिस्ट में दर्ज मरे लोग जिंदा मिले
19 hours ago

‘मैं मर चुकी हूं..वोटर लिस्ट में अपना नाम देखकर चौंक गई। मैंने विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनाव में वोट दिया था। हमेशा मेरा नाम सही आया, इस बार फिर जब बीएलओ को सभी दस्तावेज दिए तो उसने मुर्दा बना दिया। पता नहीं सब कैसे काम कर रहा है। देखिए अब नाम जुड़वाने के लिए फिर चक्कर काटना पड़ेगा।' ये कहना है बांका के बंधुडीह गांव की रेखा देवी का। रेखा देवी ऐसी अकेली महिला नहीं हैं, जिनका नाम मृतकों की लिस्ट में आ गया है। बाढ़, बांका, मधेपुरा, वैशाली जिलों में कई ऐसे लोग हैं, जो आयोग की लिस्ट में मर चुके हैं पर हकीकत में जिंदा हैं। भास्कर के 20 रिपोर्टर्स ने 3 दिनों तक बिहार के 38 जिलों के 200 से ज्यादा बूथों पर पड़ताल की। बगहा, बांका, मधेपुरा, वैशाली और पटना में हमें 18 लोग ऐसे मिले, जिनका नाम मरने वालों में था। पहले पार्ट में पढ़िए उन 18 लोगों के बारे में जो जिंदा हैं… बगहा में हमें सबसे ज्यादा 121 मृतकों की लिस्ट मिली इसे लेकर हम 40 बूथों पर गए। 15 लोग हमें जिंदा मिले... सबसे पहले हम बगहा पहुंचे। यहां हमने 40 बूथों को खंगाला। राम नगर के बूथ नंबर 23 से हमें 152 लोगों की लिस्ट मिली। इन लोगों को मृत या शिफ्ट बताया गया था। उसमें भी मरने वालों के लिस्ट में नाम 121 थे। वोटर लिस्ट में मृतकों की इतनी बड़ी संख्या देखकर हम इस बूथ पर पहुंचे। इस लिस्ट को लेकर हम उन पतों पर गए और एक-एक वोटर के घर पर जाकर बातचीत शुरू की। इनमें कई ऐसे थे, जिनकी मौत सच में हो चुकी थी। मतलब लिस्ट में उन्हें बिल्कुल सही बताया गया था, लेकिन 15 लोग ऐसे मिले जो जिंदा हैं। उन्हें चुनाव आयोग की लिस्ट में मरा बताया गया था। क्षेत्र संख्या-2, रामनगर विधानसभा के भाग संख्या-23 उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरी दक्षिण भाग से कुल 152 नाम काटे गए थे। पड़ताल के दौरान हम गरीब राम, जनक राम और अमरेश नाम के वोटर को ढूंढते हुए एक घर में पहुंचे। यहां हमें एक महिला मिलीं। उन्होंने अपना नाम बबीता देवी बताया। पढ़िए, वो क्या कहती हैं... बबीता बोलीं- मेरे परिवार के 3 लोगों को मरा बताया यहां हमें बबीता देवी मिलीं। उनके पति गरीब राम (55), बेटे जनक राम (29) और छोटे बेटे अमरेश कुमार (26) को वोटर लिस्ट में मरा बताया गया है। बबीता मृतक लिस्ट में अपना नाम देखकर चौंक गईं। कुछ भावुक भी हो गईं। रोते हुए कहने लगीं - हम लोग शुरू से वोट देते आए हैं। जो भी कागजात हमसे मांगा गया, हमने सब जमा किए। बावजूद इसके हमारे परिवार के 3 लोगों को मरा बता दिया गया है। गरीब राम बोले–परिवार के 4 लोगों को मुर्दा दिखा दिया थोड़ा आगे जाने पर हमें गरीब राम मिले। उन्होंने बताया- जीते-जागते इंसान को सरकार कागज पर मार दे रही है। समस्या यह है कि नई वोटर लिस्ट से हमारा नाम कट गया है। पहले मैं वोट देता था, लेकिन अब मृत घोषित कर दिया गया है। रामनगर से एक आदमी आया था, उसने बताया कि तुम्हें मृत दिखा दिया गया है। हमारे परिवार से 3 लोगों का नाम काटकर मृत घोषित कर दिया गया है। मेरा और मेरे दोनों बेटों को मृत दिखा दिया गया है। BDO बोले- तकनीकी गड़बड़ी हुई होगी जांच टीम के अधिकारी BDO अजीत कुमार से भास्कर रिपोर्टर ने इस मामले को लेकर बात की तो उन्होंने बताया कि ‘यह मामला गंभीर है। कई जगह तबादला और मृत्यु के पुराने डेटा को अपडेट करते समय तकनीकी गड़बड़ी हुई है। पूरे मामले की रिपोर्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO) को भेजी जाएगी। जिनका नाम गलत तरीके से कटा है, उन्हें फिर से लिस्ट में शामिल किया जाएगा। फॉर्म 6 डालकर उन लोगों का नाम जोड़ा जाएगा। मैं 78 साल का जिंदा हूं, मुझे मार दिया गांव के बुजुर्ग नथुनी राम ने कहा, 'हम 78 साल के हैं, अब तक वोट देते आए हैं। लोकसभा चुनाव में भी वोट दिया, लेकिन अब कागज में हमें मरा हुआ दिखाकर वोट का अधिकार हमसे छीन लिया गया है। इसके लिए मैं हर जगह लड़ने के लिए तैयार हूं।' मेरी पत्नी सामने बैठी है, उसे कागज में मार दिया पार्वती देवी के पति ललन राम ने बताया, मेरी पत्नी का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उसे मृत दिखा दिया गया है। मेरे पड़ोस में 7 लोगों का नाम काटा गया है। मेरी पत्नी मेरे सामने मौजूद है और कागज देखने पर उसे सरकार की तरफ से मृत बता दिया गया है। यह कैसे हो गया, हमारे समझ से परे है। जिंदा लोगों को कागज पर मृत बना दिया गया पंचायत के कांग्रेस अध्यक्ष अब्दुल मजीद ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया- 'मैं कांग्रेस का पंचायत अध्यक्ष हूं। पंचायत में बहुत लोगों का नाम काट दिया गया है। एक बूथ पर जाकर देखा तो सिर्फ कुछ ही लोगों का नाम बचा था। बाकियों को मृत घोषित कर दिया गया है। मैंने गांव के सभी लोगों से मिलकर पता किया, तो सब जीवित हैं। किसी का भी नाम मृत सूची में नहीं होना चाहिए था।' बेतिया के बाद हम बांका पहुंचे, 40 मृतकों की लिस्ट मिली बेतिया के बाद हम बांका पहुंचे। बांका के 20 बूथों को खंगालने के बाद हमें 40 से ज्यादा मृतकों की लिस्ट मिली। हमने लिस्ट को खंगालना शुरू किया। कुछ नाम तो लिस्ट में क्लियर थे। मतलब उन वोटर्स की सच में मौत हो चुकी थी। इसके बाद हम हम शंभूगंज प्रखंड की परमानंदपुर पंचायत के बंधुडीह गांव पहुंचे। यहां हम लिस्ट में मौजूद रेखा देवी को ढूंढने लगे। घर का दरवाजा खटखटाने पर रेखा देवी खुद बाहर आईं। वो हमने जैसे ही कहा- रेखा देवी से मिलना है। वो हमें देखकर चौक गईं। हम उन्हें देखकर। क्यों कि लिस्ट में रेखा देवी को मृत बताया गया है।उन्होंने बताया कि 'मैं जिंदा हूं, लेकिन वोटर लिस्ट में मुझे मरा बता दिया गया है।' 'मैं विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनाव में वोट दे चुकी हूं। इसके बाद भी वोटर लिस्ट से मेरा नाम काट दिया गया है। मेरे घर BLO भी आए थे। बावजूद इसके मेरा नाम मृतकों की लिस्ट में डाल दिया गया है। मृतक लिस्ट में नाम देखकर मैं खुद चौंक गई।' बांका जिले में नई मतदाता सूची में करीब 12,000 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इसी में रेखा देवी का नाम भी काट दिया गया। रेखा देवी पप्पू पासवान की पत्नी हैं। इस मामले में हमने BLO से भी बात की। वे ऑपरेटर को दोषी ठहरा रहे हैं। शंभूगंज के BDO नीतीश कुमार ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद क्षेत्र के लोग अपना नाम मतदाता सूची में चेक करने में जुट गए हैं। बांका के बाद हम पटना के बख्तियारपुर पहुंचे, यहां हमें 50 लोगों की लिस्ट मिली पटना के बख्तियारपुर में भी हमें 50 लोगों की लिस्ट मिली। इसमें मृतक या शिफ्ट लिखा हुआ था। इसे लेकर हमने अपनी पड़ताल शुरू की। कई लोग ऐसे मिले, जिनकी मौत हो चुकी थी। इसी पड़ताल में हम ग्राम पंचायत करनौती पहुंचे। यहां हमें अनीता देवी मिलीं। जिनका वोटर आईडी नंबर KJS5522016 है। दरवाजा उन्होंने ही खोला था। नाम पूछा तो हम दोनों चौक गए। अनीता को वोटर लिस्ट में मरा बताया गया था, लेकिन वो जिंदा हैं। उन्होंने बताया कि मैंने सारे पेपर जमा कर दिए थे। फिर भी मुझे मुर्दा बना दिया गया। अब अपना नाम जुड़वाने के लिए मुझे फिर से दौड़ना पड़ रहा है। इस मामले में BLO शोभा देवी ने भास्कर को बताया कि ‘ये एक तकनीकी गड़बड़ी है। सभी दस्तावेज समय पर जमा किए गए थे। मैं घर-घर जाकर इस गलती को सुधारने की कोशिश कर रही हूं।’ बख्तियारपुर के बाद हम वैशाली की राघोपुर विधानसभा पहुंचे बगहा, बांका, पटना के हम वैशाली की राघोपुर विधानसभा पहुंचे। यहां हमें 60 लोगों की लिस्ट मिली। इस लिस्ट को लेकर हमने अपनी पड़ताल शुरू की। शुरुआत में हमें कई लोग ऐसे मिले जो या तो मर चुके हैं या शिफ्ट हो चुके हैं। लिस्ट में मौजूद नाम रघुनाथ सिंह को ढूंढते-ढूंढते हम बिदुपुर ब्लॉक में पहुंचे। बाजितपुर पंचायत में हम रघुनाथ सिंह का घर ढूंढने लगे। घर पहुंचे तो उनके बच्चे मिले। उनके बारे में पूछा तो कहा अभी बुला देते हैं। कुछ ही देर में रघुनाथ सिंह भी आए गए। उन्होंने कहा कि ‘मैं 50 साल से वोट डाल रहा हूं। अब पता नहीं कैसे मुझे मुर्दा दिखा दिया गया। वोटर वेरिफिकेशन में गड़बड़ी हो रही है। इसे ठीक करवाना चाहिए।' SIR पर बिहार से दिल्ली तक प्रदर्शन वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर बिहार से दिल्ली तक प्रदर्शन चल रहे हैं। संसद में लगातार इसे लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है तो राहुल गांधी बिहार में 16 दिनों की वोटर अधिकार यात्रा पर हैं। एक महीने से सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से कहा था कि ऐसे 15 लोगों को लाइए जो जिंदा हैं, लेकिन उन्हें वोटर लिस्ट में मरा बताया गया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 65 लाख वोटर्स की लिस्ट ऑनलाइन डालने के आदेश दिए। ----------------
ये खबर भी पढ़ें भास्कर इन्वेस्टिगेशन-बिहार में वोटर वेरिफिकेशन- खुफिया कैमरे पर 50 BLO:बोले- पाकिस्तानी, बांग्लादेशी जो हो, हमें पेपर से मतलब, फर्जीवाड़ा जांचना हमारा काम नहीं हमारे पास किसी भी वोटर का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने की कोई व्यवस्था नहीं है। न ही हम किसी प्रकार के कागज की जांच करते हैं। जो मिला, वो फीड कर देते हैं। अब ये असली हैं या फर्जी, हम क्या जानें। हां, ये जरूर है कि जो कागज मिल रहे हैं, वही अंतिम हैं। ये बातें 50 से ज्यादा बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने भास्कर के खुफिया कैमरे पर कहीं। पूरी खबर पढ़ें
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