पंजाब भाजपा प्रधान जाखड़ को फाजिल्का में पुलिस ने रोका:कैंप लगाने के लिए जा रहे थे, आज बीजेपी पूरे राज्य में प्रदर्शन करेगी
2 days ago

पंजाब में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शहरों के साथ-साथ अब अपने कमजोर पक्ष ग्रामीण इलाकों पर भी फोकस करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की 8 योजनाओं के सहारे बीजेपी गांवों में एंट्री कर अपना आधार मजबूत करने में जुट गई। आज बीजेपी के प्रधान सुनील जाखड़ को फाजिल्का जिले के गांव रायपुर की ओर जाते हुए पुलिस ने रास्ते में रोक दिया है। क्योंकि वह वहां पर कैंप में शामिल होने जा रहे थे। जिसके बाद उन्होंने वहीं, बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनके साथ पूर्व सेहत मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी समेत काफी संख्या में भाजपा नेता वहां पर पहुंच गए है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी सीधे लोगों को केंद्र की योजनाओं के लिए सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर करवा रही है। इस पर पंजाब की आम आदमी पार्टी AAP सरकार ने आपत्ति जताई है। राज्य सरकार का कहना है कि यह काम राज्य सरकार का है और इससे डेटा लीक होने का खतरा है। उन्होंने कहा कि मुझे भगवत मान के पंजाब होने का संदेह है। पंजाब में पहले बाहर से आए आक्रमणकारी आते थे। अब दिल्ली से लुटेरे आए हुए हैं, चंडीगढ़ में बैठे हुए। जो कहते है कि चुनाव जीतने के लिए साम, दंड, वेद सब करेंगे। अभी तो अरेस्ट हो रही है, सिर फटेंगे। मुझे कहते थे कि सुनील की पंगड़ी नहीं है। पगड़ी की लाज रख लो। ताकत का इतना नशा। मान की नहीं केजरीवाल की सरकार है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि अब सरकार भगवंत मान की नहीं, बल्कि केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की है। यह सरकार बहुत बड़ा पाप कर रही है। पहले अकाली दल वाले कहते थे कि गांवों में नहीं जाना है, लेकिन जैसे कल हमें कैंप लगाने से रोका गया—अब तो हमारे लिए यह गांवों का वीजा लग गया है। गांवों का रास्ता खुल गया है। आप के विधायकों का क्या बनेगा जाखड़ ने कहा "भगवान जब भी मारता है, तो मत मारता है। पंजाब में सरकार ठेके पर चल रही है। 2027 के बाद दिल्ली वाले तो वापस दिल्ली चले जाएंगे, लेकिन यहां के विधायक जो पैसे लूट रहे हैं, उन्हें सब भुगतना पड़ेगा। गरीबों के घर पर जो कुछ भी होगा, असली चोरी उसी दिन होगी।" गरीब सरकार के तंबू उखाड़ेंगे जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार का संदेश है कि गरीबों की मदद करो, वोट अपने आप आ जाएंगे। "मैंने कहा था कि गरीब का भला करो...वह वोट दे या न दे, लेकिन आशीर्वाद ज़रूर देगा। गरीब की ‘हां भी बहुत मायने रखती है। यह सरकार अहंकार में डूबी हुई है और इसे उखाड़ने का काम गरीब लोग ही करेंगे।" मोदी ट्रंप के साथ नहीं किसानों के साथ खड़े हुए पंजाब में अब तक 91 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जबकि हरियाणा में एक करोड़ 41 लाख कार्ड बने हैं। पिछले एक महीने में ही पंजाब में 64 हज़ार कार्ड बनाए गए हैं। जाखड़ ने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नज़र पंजाब की 65 हज़ार एकड़ ज़मीन पर थी। साथ ही उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ज़िक्र करते हुए कहा कि ट्रंप का रोना था कि उनकी फसलें बिकती नहीं हैं और उनका सामान यहां बेचा जाए। "ट्रंप पूरी दुनिया का थानेदार बना बैठा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे साफ कह दिया कि अगर मेरा नुकसान भी हो जाए, तब भी मैं अपने देश और पंजाब का नुकसान नहीं होने दूंगा। आम आदमी पार्टी उठा रही है सवाल सवाल उठाया जा रहा है कि कोई राजनीतिक पार्टी कैसे लोगों को रजिस्टर कर सकती है। वीरवार को भी बीजेपी के कई नेताओं पुलिस हिरासत में लिया है। बीजेपी ने ऐलान किया है कि हम आगे भी कैंप लगाएंगे। हम कोई गलत काम नहीं कर रहे है। वहीं, बीजेपी द्वारा आज पूरे पंजाब के 117 जिलों में पंजाब सरकार के खिलाफ अर्थी फूक प्रदर्शन किया जाएगा। जबकि भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है कि आज फाजिल्का जिले के गांव रायपुर में उसी जगह पर गरीबों के हित के लिए पार्टी दोबारा कैंप लगाएगी, जिस कैंप से पार्टी के नेताओं को मान सरकार की पुलिस ने उठा लिया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह खुद इस कैंप में जाएंगे। 5 सालों से बीजेपी उठा रही नुकसान 2020 में हुए किसान आंदोलन के बाद से पंजाब में बीजेपी से लोगों की दूरी बढ़ती गई। सहयोगी दल भी बीजेपी से अलग हो गए और गठबंधन टूट गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों को नुकसान उठाना पड़ा। ऐसी ही स्थिति 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बनी। क्योंकि उस समय हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन 2.0 चल रहा था। इस चुनाव में बीजेपी को पंजाब से एक भी सीट नहीं मिली। हालांकि वोट शेयर के लिहाज से बीजेपी 18.56 प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर रही, जबकि कांग्रेस को 26.30 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी को 26 प्रतिशत वोट मिले। जबकि अकाली दल को जबकि अकाली दल को एक सीट के साथ 13.42 प्रतिशत वोट मिले। जून से बीजेपी गांवों में पहुंची गई थी बीजेपी के लिए सत्ता की जंग में शामिल होने के लिए ग्रामीण इलाकों में पैठ बनाना जरूरी हो गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने 20 जून से अगस्त तक गांवों में स्पेशल कैंप लगाने शुरू किए। इन कैंपों के माध्यम से लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं में रजिस्टर किया जाने लगा ताकि वे योजनाओं का लाभ उठा सकें। लेकिन कुछ दिन पहले सरकार को इसकी भनक लगी। सरकार का दावा है कि उन्हें डेटा लीक की शिकायतें मिलीं, जिसके बाद इस प्रक्रिया को रोक दिया गया। हालांकि जानकारों की माने जिस वोट बैंक को बीजेपी फोकस कर रही है। यह आम आदमी पार्टी का भी कोर वोट बैक है। इससे उसकी टेंशन बढ़ी है। डॉटा लीक होने का सवाल लीक नहीं बीजेपी का कहना है कि डेटा लीक की बात पूरी तरह से निराधार है। पार्टी का कहना है कि अब गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से कैंप लगाकर केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। हमारी भूमिका केवल लोगों को कैंप तक लाने-ले जाने तक सीमित है, जबकि रजिस्ट्रेशन CSC संचालक करते हैं। बीजेपी प्रधान अश्वनी शर्मा का कहना है कि सरकार को डर है, इसलिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में सारा रिकॉर्ड पुलिस अधिकारियों को सौंपने की बात कही। उनका यह भी आरोप है कि डेटा लीक वास्तव में आम आदमी पार्टी की सरकार ने किया था। बीजेपी के नेता गवर्नर से मिले वीरवार को जैसे ही पूरे पंजाब में बीजेपी के नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू किया। ठीक उसी समय कार्यकारी प्रधान अश्वनी शर्मा की अगुआई में बीजेपी नेता गवर्नर से मिले। साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी की इस कार्रवाई पर एतराज जताया। बीजेपी का कहना है कि पंजाब सरकार नहीं चाहती है कि केंद्र सरकार की स्कीमों का लाभ आम लोग उठा पाए। अगर केंद्र सरकार काम कर रही होती, तो हमें इस जगह जाने की जरूरत नहीं पड़ती। लैंड पूलिंग से मिली ऑक्सीजन पंजाब सरकार ने जैसे ही लैंड पूलिंग पॉलिसी का नोटिफिकेशन जारी किया, बीजेपी ने इसका शुरू से ही विरोध किया और यहां तक कि राज्यभर में यात्रा करने का ऐलान कर दिया। हालांकि बाद में सरकार को यह पॉलिसी वापस लेनी पड़ी। इससे बीजेपी को ऑक्सीजन मिली है। इससे पहले, 18 जुलाई को चंडीगढ़ किसान भवन में किसानों द्वारा बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग में बीजेपी नेता शामिल हुए और कहा कि वे हर स्तर पर किसानों का साथ देंगे। वहीं आम आदमी पार्टी ने इस मीटिंग से दूरी बनाए रखी। कोई राजनीतिक पार्टी योजना कैसे लागू कर सकती है आम आदमी पार्टी नेता नील गर्ग ने कहा कि कुछ फर्जी लोग डेटा इकट्ठा कर रहे हैं और इस तरीके से लोगों से ठगी हो सकती है। इसी कारण सख्ती बरती गई है। किसी को भी राजनीतिक गतिविधि करने से नहीं रोका जा रहा। केंद्र सरकार की योजनाएं राज्य सरकार के माध्यम से लागू होती है। ऐसे में कोई राजनीतिक पार्टी इन योजनाओं को सीधे कैसे लागू कर सकती है?
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