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    राफेल गिराने पर बोले विदेश सचिव- समय आने पर बताएंगे:आतंकियों के जनाजे की तस्वीर दिखाकर पूछा- यहां सेना का क्या काम

    2 months ago

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    विदेश मंत्रालय ने गुरुवार शाम 5.30 बजे लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें बुधवार की तरह विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहीं। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा पाकिस्तान ने 7 अप्रैल की रात भारत में कई ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले का प्रयास किया। अवंतिपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज पर अटैक को भारत ने नाकाम कर दिया। इन जगहों पर बरामद मलबा पाकिस्तानी हमले की पुष्टि करते हैं। इसके बाद गुरुवार सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कई ठिकानों पर एयर सिस्टम को निशाना बनाया। इंडियन अटैक में लाहौर में एयर डिफेंस सिस्टम को नाकाम कर दिया गया। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर अकारण गोलीबारी तेज कर दी है। कुपवाड़ा, बारामूला, मेंढर और पुंछ में भारी गोलाबारी की जा रही है। इसमें 16 लोगों की जान गई, इनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल थे। भारत ने इसका जवाब दिया। हम तनाव बढ़ाना नहीं चाहते हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने आपसे कल भी यही बात की थी। यही कहना चाहूंगा कि भारत तनाव बढ़ाने का काम नहीं कर रहा है। हमारा मकसद सिर्फ 22 अप्रैल के हमले का जवाब देना था। 22 अप्रैल का हमला ही वास्तविक तनाव बढ़ाने वाली घटना थी। इसके बाद ही यह सिलसिला शुरू हुआ। उसका जवाब भारतीय फौज ने कल अपने एक्शन से दिया है। हमारा मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था, मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर हमारा टारगेट नहीं थे। द रेजिस्टेंस फ्रंट ने घटना की जिम्मेदारी ली थी। यह ग्रुप लश्कर का हिस्सा है। भारतीय अधिकारियों ने पहले ही UN को इसकी जानकारी दी थी। हम दोबारा मीटिंग करेंगे और UN को अपडेट देंगे। दिलचस्प बात यह है कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति की कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान ने TRF का नाम लेने का विरोध किया, जब TRF को पता चला कि यह बहुत बड़ी घटना है, तब उसने अपना नाम वापस ले लिया। पाकिस्तान टेररिज्म का ग्लोबल एपिसेंटर, दुनियाभर की सरकारों के पास इसके सबूत पाकिस्तान 22 अप्रैल के आतंकी हमले में किसी भी तरह के इन्वॉल्वमेंट से पल्ला झाड़ना चाह रहा है। पाकिस्तान के मंत्री कह रहे हैं कि उनके देश में कोई आतंकी नहीं है। आज पूरी दुनिया में पाकिस्तान को ग्लोबल टेररिज्म का एपिसेंटर माना जाता है। दुनियाभर की एजेंसियों और सरकारों के पास इस बात के सबूत हैं। दुनियाभर के आतंकी हमलों में कई पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ है। वह भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार है। आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को उनके यहां शहीद कहा गया। साजिद मीर के मारने की खबर थी, बाद में उसे जिंदा बता दिया गया ताकि उन पर कोई बात न आए। पिछले दिनों पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से संबंध की बात मानी है। मुंबई-पठानकोट के सबूत दिए, पाकिस्तान ने आतंकियों को बचाने में इस्तेमाल किए दूसरा विषय है कि पाकिस्तान दावा करता है कि निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय कमेटी पहलगाम हमले की जांच करे। आप पाकिस्तान का इतिहास और ट्रैक रिकॉर्ड जानते हैं। मुंबई हमला हो, पठानकोट हमला हो, ऐसे कई उदाहरण हैं। मुंबई हमले में भारत और पाकिस्तान की जॉइंट टीम बनाई गई थी। इंडिया ने कहा था कि हम सहयोग करेंगे, हमने पाकिस्तान को फोरेंसिक रिपोर्ट दी थी और कहा था कि पाकिस्तान साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में खड़ा करे। सबूत भी दिया था, पाकिस्तान में केस रजिस्टर हुए, लेकिन इन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया गया। पठानकोट में जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई थी। पाकिस्तानी टीम को हमने हमले वाली जगह जाने की इजाजत दी थी। उनसे DNA और दूसरी रिपोर्ट शेयर की थीं। आतंकवादियों के पते भी बताए थे, जैश के लीडर्स के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन जांच में कुछ नहीं हुआ। ऐसे जॉइंट इन्वेस्टिगेशन में हमें अब भरोसा नहीं है। पाकिस्तान ने उन सबूतों का इस्तेमाल आतंकवादियों को बचाने और घटना को छिपाने में ही किया है, जांच में रुकावट डाली। आतंकियों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा, उनके जनाजे में फौज मौजूद थी ऑपरेशन सिंदूर में केवल आतंकी इमारतें ही टारगेट थीं। पाकिस्तान दावा कर रहा है कि भारत के ऑपरेशन में सिर्फ सिविलियन मारे गए। वहां आतंकवादियों के अंतिम संस्कार की तस्वीरें देखिए। अगर सिविलयन मारा गया है तो अफसरों की फौज आतंकी हाफिज अब्दुल राउफ के साथ क्यों आई। आतंकवादियों के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था। उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार पूरी सच्चाई बयां करता है। पाकिस्तान का दावा पूरी तरह से झूठा है। हमने जिन्हें टारगेट बनाया उनमें कुछ ऐसी इमारतें थीं, जहां कट्टरता की ट्रेनिंग दी जाती थी और इन्हें धार्मिक इमारतों की आड़ में छिपाया जाता था। पाकिस्तान ने गुरुद्वारे पर हमला किया, फायरिंग में 16 नागरिक मारे गए सीजफायर वॉयलेशन के दौरान पाकिस्तान ने सिख गुरुद्वारे पर हमला किया। पाकिस्तानी फायरिंग में 16 नागरिक मारे गए और 59 लोग घायल हैं। पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने 16 अप्रैल को स्पीच दी थी, जो पूरी तरह धार्मिंक रंग में रंगी हुई थी। भारत में सभी धर्मों के लोग बराबरी से रहते हैं। पूरी दुनिया ने पहलगाम हमले की निंदा की है। भारत ने सिर्फ जवाब दिया, पहलगाम हमला वो चीज थी, जिसने तनाव बढ़ाया। पाकिस्तान सिर्फ प्रोपेगैंडा फैला रहा है। पाकिस्तान PoK में एक डैम को निशाना बनाए जाने का दावा कर रहा है। हमने सिर्फ आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है। यह दावा सिर्फ भारतीयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाए जाने का आधार बनाए जाने के लिए किया जा रहा है। अगर ऐसा किया गया तो भारत माकूल जवाब देगा। भारत ने 6 दशक तक सिंधु जल समझौते को माना, पाकिस्तान ने शर्तें तोड़ीं पिछले 2 साल से भारत सरकार पाकिस्तान से बात कर रही है। उन्हें नोटिस भेजकर सिंधु समझौते में कुछ मॉडिफिकेशन की बात की है। हमने 6 दशक तक इस समझौते का सम्मान किया। तब भी, जब पाकिस्तान ने हमसे जंग की। पाकिस्तान ने इस समझौते की शर्तें तोड़ी हैं। हमें हमारे अधिकारों का इस्तेमाल करने से रोका गया। भारत की सहनशीलता है जो सिंधु समझौते को 65 साल से निभा रहे हैं। पाकिस्तान ने हमारी अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह संधि 50-60 के दशक में हुई थी। टेक्निकल चेंज, डेमोग्राफिक चेंज पर ध्यान देना होगा। आतंकी हमलों के चलते इस समझौते में दिक्कतें आईं। इसके बाद भारत ने इस संधि को रद्द करने का फैसला लिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल-जवाब सवाल: पाकिस्तान ने क्या भारतीय फाइटर जेट्स गिराए? क्या पाकिस्तान झूठ बोल रहा है? जवाब: जब सही समय होगा तो आधिकारिक तौर पर आपको सूचना दी जाएगी। पाकिस्तान का जन्म लेते ही झूठ शुरू हो गया था। 1947 में संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि कश्मीर पर हमला करने वाले कबायली हैं। हमारी फौजों और हमारी फौजों ने देखा था तब कि वहां पर पाकिस्तान की फौज थी। झूठ की यात्रा 75 साल पहले शुरू हो चुकी है। सवाल: मिलिट्री एस्केलेशन के बढ़ने के बारे में क्या कहेंगे? जवाब: जहां तक तनाव बढ़ने की बात है तो पहली बात कि पाकिस्तान ने ही तनाव बढ़ाया था, हम सिर्फ जवाब दे रहे हैं। अगर पाकिस्तान कोई हिमाकत करता है तो पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया जाएगा। यह पाकिस्तान को तय करना है कि वो क्या करेगा। दुनिया में सिर्फ यही भावना है कि 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमले बेहद क्रूर और जघन्य था, इसके बाद सभी के सेंटिमेंट भारत सरकार को सपोर्ट में हैं। सवाल: ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए बड़े आतंकी चेहरे कौन हैं? जवाब: ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए बड़े चेहरे कौन हैं, अभी इसकी डिटेल्स आपके साथ शेयर नहीं कर सकता हूं। इस बारे में टीवी, सोशल मीडिया पर खबरें हैं। जब हमारे पास इन्फॉर्मेशन आएगी तो हम आपके साथ शेयर करेंगे। सवाल: प्रधानमंत्री मोदी ने कतर और सउदी के लीडर्स के बात की थी, इस पर क्या कहेंगे? जवाब: आप ने जिन देशों का नाम लिया जैसे सऊदी और कतर। प्रधानमंत्री ने दुनिया के बड़े नेताओं से बात की है। सभी ने यह माना है कि 22 अप्रैल का आतंकी हमला क्रूर और जघन्य था। हमने जो भी किया वह बहुत सोचा-समझा, नियंत्रित रिएक्शन था। दुनिया हमारे एक्शन को समझ रही है। पहली बार आर्मी और एयरफोर्स की महिला अफसरों से जंग की ब्रीफिंग सरकार की तरफ से 2 दिन में यह दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी गई थी। इसमें बताया गया था कि मंगलवार रात 1:04 बजे से 1:28 बजे के बीच 24 मिनट में 9 टारगेट तबाह किए गए। देश के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे।
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