राहुल बोले- बेजुबान पशु कोई समस्या नहीं, उन्हें हटाना क्रूरता:सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- 8 हफ्तों में दिल्ली-NCR के आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजें
4 hours ago

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंगलवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये दशकों से चली आ रही मानवीय और साइंटिफिक पॉलिसी से पीछे ले जाने वाला कदम है। ये बेजुबान पशु कोई 'समस्या' नहीं हैं, जिन्हें हटाया जाए। राहुल ने X पर लिखा, 'शेल्टर्स, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल अपनाया जाना चाहिए। इससे बिना क्रूरता के भी डॉग्स को सुरक्षित रखा जा सकता है। पूरी तरह पाबंदी क्रूर-अदूरदर्शी है और हमारी दया-भावना को खत्म करता है। हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जन सुरक्षा और पशु कल्याण दोनों कैसे एक साथ-साथ चलें।' दरअसल, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के नगर निकायों को निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर नसबंदी करें और उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखें। इसके लिए 8 हफ्ते का समय दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर को कहा- कुत्ते सड़कों पर वापस नहीं लौटने चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्ते के भीतर सड़क से हटाने और उन्हें विशेष शेल्टर होम में भेजने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने हिदायत दी कि ये कुत्ते सड़कों पर वापस नहीं लौटने चाहिए। उधर, राजस्थान हाई कोर्ट ने भी सोमवार को शहरी सड़कों से आवारा कुत्ते और पशु हटाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच आवारा कुत्तों के बच्चों पर हमले की खबर पर खुद ही नोटिस लेकर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने इस काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा, कोई व्यक्ति या संगठन बाधा बना तो अवमानना की कार्यवाही की जा सकती है। कोर्ट ने पशु एवं कुत्ते प्रेमियों को आड़े हाथों लेते हुए सवाल किया कि क्या वे रेबीज के शिकार बच्चों को वापस ला पाएंगे? बच्चों को किसी भी कीमत पर रेबीज नहीं होना चाहिए। पूरी खबर पढ़ें मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाया सवाल
राहुल ही नहीं बल्कि मेनका गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर सवाल उठाए हैं। मेनका ने भी सोमवार को कहा, 'दिल्ली में तीन लाख आवारा कुत्ते हैं। उन सभी को पकड़कर शेल्टर होम भिजवाया जाएगा। उनको सड़कों से हटाने के लिए दिल्ली सरकार को 1 हजार या 2 हजार शेल्टर होम बनाने होंगे। क्योंकि ज्यादा कुत्तों को एक साथ नहीं रखा जा सकता। सबसे पहले तो उसके लिए जमीन तलाशनी होगी। इस पर 4-5 करोड़ रुपए के करीब का खर्च आएगा। क्योंकि हर सेंटर में केयरटेकर, खाना बनाने वाले और खिलाने वाले, और चौकीदार की व्यवस्था करनी होगी।'
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