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    संभल में हिंदू आबादी 15% बची, बाकी पलायन कर गए:न्यायिक आयोग ने हिंसा की 450 पेज की रिपोर्ट योगी को सौंपी

    7 hours ago

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    संभल हिंसा की 450 पन्नों की रिपोर्ट न्यायिक आयोग ने सीएम योगी को सौंप दी है। इसमें न सिर्फ 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा के बारे में बताया गया है, बल्कि संभल में कब-कब दंगे हुए, इसका भी जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, बार-बार दंगों से संभल में हिंदू आबादी कम होती गई। अब वहां सिर्फ 15 प्रतिशत हिंदू बचे हैं, बाकी सब पलायन कर गए। आजादी के वक्त संभल नगर पालिका में 45% हिंदू थे। यानी 30 फीसदी हिंदू जनसंख्या पिछले 78 सालों में घटी है। पिछले साल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसमें 4 लोगों की जान गई थी। 29 नवंबर, 2024 को यूपी सरकार ने आयोग का गठन किया था। इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा, रिटायर्ड IAS अमित मोहन और रिटायर्ड IPS अरविंद कुमार जैन शामिल थे। आयोग ने गुरुवार को सीएम योगी से मुलाकात कर गोपनीय जांच रिपोर्ट सौंपी। सूत्रों के मुताबिक, लोगों ने आयोग को दिए बयान में बताया है- पहले संभल में शिव मंदिर हुआ करता था। वे लोग सोमवार और सावन के महीने में पूजा-अर्चना करते थे। वहां अब मस्जिद बन गई है। पहले जहां हिंदुओं का कुआं हुआ करता था, जहां से हिन्दू अपने धार्मिक तीज त्योहार पर कार्यक्रम करते थे, उस कुएं को बंद कर मुसलमानों ने चबूतरा बना दिया है। संभल में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराया गया। मुस्लिम लोग हिंदुओं को डराते धमकाते थे, उनकी संपत्ति पर कब्जा करते थे। मौत या पिटाई के डर से हिंदुओं ने धर्म बदलना कबूल किया। संभल में अभी भी सैकडों की संख्या में हिंदुओं की संपत्तियां हैं। मकान, दुकान और खेत हैं, लेकिन उनके मालिक हिंदू वहां आते-जाते नहीं है। नतीजतन कुछ पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। आयोग के सामने आया है कि बीते 49 साल में बड़ी संख्या में हिंदुओं की हत्या हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि साजिशकर्ताओं को यह पता था कि वहां सर्वे होना है। प्रशासन ने संभल जामा मस्जिद के प्रबंधन को इसकी जानकारी दी थी। संभवतः वहीं से सर्वे की बात लीक हुई और भीड़ जुटी। वहां अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों का अड्डा बन गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें पिछले दंगों की तिथियां, उनमें हुई जनहानि, प्रशासनिक कार्रवाई और उसके बाद की स्थिति का भी पूरा विवरण शामिल किया गया है। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा में 4 की हुई थी मौत संभल की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया था ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर, 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया। कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था। इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा के बाद पुलिस ने 3 महिलाओं सहित 79 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित 40 लोगों के खिलाफ नामजद और 2750 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। 18 जून को SIT ने 1128 पन्नों में सांसद बर्क सहित 23 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। हालांकि, सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल का नाम चार्जशीट में शामिल नहीं है। खबर को अपडेट किया जा रहा है...
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