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    SIR पर सुनवाई- नाम जुड़वाने ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे वोटर:सुप्रीम कोर्ट बोला- आधार समेत कोई भी डॉक्यूमेंट जमा कर सकते हैं

    19 hours ago

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    सुप्रीम कोर्ट में बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR (सामान्य शब्दों में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन) पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। फॉर्म को फिजिकली जमा करना जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि आधार कार्ड समेत फॉर्म 6 में दिए गए 11 दस्तावेज में से कोई भी जमा किया जा सकता है, इनमें ड्राइविंग लाइसेंस, पासबुक, पानी का बिल जैसे डॉक्यूमेंट शामिल हैं। मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से कई सवाल पूछे। जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा- राज्य की 12 पॉलिटिकल पार्टियों में से यहां मात्र 3 पार्टियां ही कोर्ट में आई हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट में राजद की ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्‍होंने कहा, आरजेडी के मनोज झा की ओर से वो पक्ष रख रहे हैं। सात दूसरे पॉलिटिकल पार्टियों की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। सिब्बल ने कहा, वो आरजेडी के लिए ही हैं, जबकि सिंघवी ने बताया कि कई और पार्टियां भी इस मुद्दे से जुड़ी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को मतदाता सूची से जुड़े मुद्दों पर तीखी बहस हुई। 7 करोड़ से अधिक लोगों का आधार स्वीकार नहीं किया गया अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील दी कि एक जिंदा मतदाता को मृत घोषित कर दिया गया था। ऐसे ही 11 लोग और भी सामने आए। भूषण ने कहा, 'इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) ने स्पष्ट कहा कि केवल आधार पर्याप्त नहीं है और 7 करोड़ से अधिक लोगों का आधार स्वीकार नहीं किया गया। वहीं, बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) पहले ही फॉर्म पर “रिकमेंडेड/नॉट रिकमेंडेड” लिख चुके हैं।' इस पर न्यायमूर्ति जे. कान्त ने कहा, 'इससे भ्रमित होने की ज़रूरत नहीं है। रिकमेंडेशन कुछ भी हो, सभी नाम ड्राफ्ट सूची में बने रहेंगे।' हटाए गए 65 लाख वोटर्स के नाम वेबसाइट पर अपलोड इससे पहले 14 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ECI को वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम कारण के साथ वेबसाइट पर डालने को कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद ECI ने 65 लाख लोगों की लिस्ट वेबसाइट पर जारी की थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का राजनीतिक दल के रूप में रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की है। साथ ही पार्टी नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव आयोग के खिलाफ 'वोट चोरी' अभियान की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित करने की मांग की गई है। इसके अलावे पार्टी के नेताओं के सार्वजनिक बयान और भाषण पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग याचिका में की गई है। 1 सितंबर तक दावा और आपत्तियां कर सकते हैं दर्ज बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का पहला चरण पूरा हो चुका है। 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची जारी कर दी गई है। इस दौरान बूथ स्तर अधिकारियों ने घर-घर जाकर नामों का सत्यापन किया। कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने अपने नाम की पुष्टि कर फॉर्म जमा किया। ड्राफ्ट सूची पर दावा और आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 1 सितंबर तय की गई है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। सभी जगहों पर विशेष कैंप भी लगाया गया है जहां पर लोग जाकर अपना फॉर्म भर सकते हैं। SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...
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