अखिलेश ने कथावाचक को लखनऊ बुलाया, जिसे ब्राह्मणों ने पीटा:ढोलक गिफ्ट की, कथा कहलवाई; बोले- प्रभुत्ववादी सीमा लांघ गए
1 month ago

अखिलेश यादव ने इटावा में जिस कथावाचक को ब्राह्मणों ने पीटा, उन्हें और उनके साथियों को लखनऊ बुलाया। उन्हें ढोलक और हारमोनियम गिफ्ट की, कथा भी कहलवाई। 21-21 हजार रुपए लिफाफे में दिए। हालांकि, 51-51 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। अखिलेश ने कहा-प्रभुत्ववादी सीमाएं लांघ गए हैं। ये वर्चस्ववादी लोग सर तक मुड़वा दे रहे हैं, रातभर पीटते हैं, ढोलक छीन लेते हैं और पैसों की मांग करते हैं। आखिर ये वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोग ताकत कहां से पा रहे हैं? यह सरकार हार्टलेस है, हर असंवैधानिक काम का समर्थन करती है। अखिलेश ने अमित शाह का बिना नाम लिए तंज कसा। कहा- नजर उतारने का तरीका तो हमने और आपने देखा ही। बस बच ही गया कोई, बिजली कटने से अस्पताल में लोग मर रहे और आप अपनी नजर उतरवा रहे हो। दरअसल, रविवार शाम अमित शाह, सीएम योगी के साथ वाराणसी के काल भैरव मंदिर पहुंचे थे। यहां दर्शन-पूजन के दौरान एक पुजारी ने शाह की दंड से नजर उतारी थी। पूरा मामला जानिए इटावा के दादरपुर गांव में 22 जून को ब्राह्मणों ने यादव कथावाचक और उनके साथियों से मारपीट की थी, लेकिन इसका वीडियो कल सामने आया। कानपुर के कथावाचक मुकुट मणि सिंह के मुताबिक, ब्राह्मणों ने पहले उनकी जाति पूछी। जब उन्होंने बताया कि वे यादव बिरादरी से हैं, तो उन पर दलित होने का आरोप लगाते हुए धमकाया। कहा- ब्राह्मणों के गांव में भागवत पाठ करने की हिम्मत कैसे की। इसके बाद उनकी चोटी काट दी और सिर मुंडवा दिया। एक महिला के पैर पर नाक रगड़वाई गई। उनके साथियों के साथ भी मारपीट की। उनका भी सिर मुंडवा दिया और हारमोनियम तोड़ दिया। घटना के बाद कथावाचक सोमवार को सपा सांसद जितेन्द्र दोहरे के साथ एसएसपी से मिलने पहुंचे। SSP के आदेश पर कोतवाली में अतुल, मनीष, पप्पू बाबा और डीलर पर नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। अखिलेश यादव की बड़ी बातें पढ़िए- 1- कथावाचन के लिए कानून बना दो...
इस सरकार का रवैया क्या है? इसका रास्ता क्या है? कई मौकों पर मैंने कहा है- सरकार हार्टलेस है। हर असंवैधानिक काम का समर्थन करती है। बाबा साहेब के संविधान की प्रस्तावना के हिसाब से फैसले लेने लगें तो जिनके साथ अन्याय हो रहा है, उन्हें न्याय मिलने लगे। सरकार में बैठे लोग लगातार अन्याय करा रहे हैं। वर्चस्ववादी लोगों को इतनी तकलीफ है तो कह दें कि पिछड़ों की ओर से दिया गया दान कभी स्वीकार नहीं करेंगे। कथावाचन के लिए कानून बना दो कि यह सिर्फ वर्चस्ववादी लोग ही करेंगे। चंदा, दान, चढ़ावा स्वीकार न करें। 2- वे नहीं चाहते कि यह एकाधिकार छिने...
जब सब सुन सकते हैं, तो सब बोल क्यों नहीं सकते? भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है। सच्चे कृष्ण भक्तों को भगवत कथा कहने से रोका जाएगा, तो कोई यह अपमान क्यों सहेगा? कुछ लोग कथावाचक में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि यह एकाधिकार छिने। कथावाचन को जिन्होंने भावना की जगह व्यवसाय बना लिया है। असल समस्या वही है। कभी घर और कभी मंदिर को धुलवाकर पीडीए का अपमान करते रहे हैं। अब तो ये वर्चस्ववादी लोग सीमाएं लांघ गए हैं। सिर तक मुड़वा दे रहे हैं। आखिर ये वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोग ताकत कहां से पा रहे हैं? हमने सुना है कि देश की सर्वोच्च सीट पर बैठे लोगों के साथ भी अपमान हुआ। सच यह है कि पीडीए पर अत्याचार बढ़ रहा। पाल समाज की बेटी के साथ अन्याय हुआ। पिता पर मुकदमा लगाकर जेल भेज दिया, इनाम घोषित कर दिया गया। 3- PDA समाज ने अलग से कथा कहनी शुरू की तो वर्चस्व खत्म हो जाएगा
हमारी पार्टी के लोग जब जा रहे थे, पुलिस लगाकर रोक दिया गया। इसका असली कारण यह है कि उन्हें लगता है कि उनके पीछे सरकार खड़ी है। लेकिन अब पीडीए समाज इसका जवाब डटकर देगा। भाजपा को लगता है कि कथावाचक पर किसी का एकाधिकार है, तो कानून बनाकर दिखा दें। जिस दिन पीडीए समाज के लोगों ने अलग से कथा कहनी शुरू कर दी, उस दिन प्रभुत्ववादी समाज का वर्चस्व खत्म हो जाएगा। 4- 2500 लोग ही पूरी सरकार चला रहे
सुल्तानपुर में महेंद्र प्रताप को गोली मार दी गई। महोबा में पिछले महीने दलित नवविवाहित जोड़े को अपमानित किया गया। घर के सामने से तभी गुजर सकते हैं, जब चप्पल उतारकर जाएंगे। नहीं तो अपमानित होना पड़ेगा। एटा में शोभा यात्रा नहीं निकालने दी गई। अम्बेडकर नगर में दलित समाज के साथ अपमान हुआ, पुलिस ने उन्हें ही पीटा। यह सब इसलिए हो रहा है कि 2500 लोग ही पूरी सरकार चला रहे हैं। सरकार में बैठे लोग कुछ भी कर सकते हैं। 5- सरकार में लोग हिस्ट्रीशीटर...
अखिलेश ने बागी विधायकों को लेकर कहा- अभी आप सपा के हैं, मंत्री बनाए जाएंगे, तो आप को इस्तीफा देना पड़ेगा। मंत्री सबको बनना था। पैकेज क्या मिला था। सरकार में लोग हिस्ट्रीशीटर हैं। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर से केस वापस नहीं लिया क्या? ------------------------------ ये खबर भी पढ़ेंः- भाई ने बहन की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या की:कौशांबी में लाश भूसे के ढेर में छिपाई, माचिस मांगने पर हुआ था झगड़ा कौशांबी में भाई ने बहन की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। फिर बहन की लाश को घर में ही भूसे के ढेर में छिपा दिया। वह माचिस मांगने बहन के पास पहुंचा था। तभी किसी बात पर कहासुनी हो गई। गुस्से में आकर उसने कुल्हाड़ी से बहन पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। खबर लगातार अपडेट की जा रही है...
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