भास्कर अपडेट्स:मुंबई के जीएसबी सेवा मंडल को गणेश उत्सव पर 474.46 करोड़ का बीमा कवर, मंडल के पास 69kg से ज्यादा सोने के जेवर
8 hours ago

मुंबई के सामुदायिक गणेश संघ जीएसबी सेवा मंडल ने इस साल अपने पांच दिन चलने वाले गणपति उत्सव के लिए 474.46 करोड़ का बीमा कवर हासिल किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पिछले साल मंडल के पास 400.58 करोड़ का बीमा कवर था। सायन के किंग्स सर्कल में होने वाला यह उत्सव 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी से शुरू होगा। मंडल के अध्यक्ष अमित पई ने एक बयान में कहा कि गणेश की मूर्ति को 69 किलो से ज्यादा सोने के जेवर, 336 किलो से ज्यादा चांदी और भक्तों की दान की गई अन्य कीमती वस्तुओं से सजाया गया है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे धनी गणेश मंडल होने का दावा करने वाला यह मंडल इस बार अपना 71वां गणेशोत्सव मनाएगा। आज की बाकी बड़ी खबरें... दिल्ली के एक स्कूल को फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी, 5 दिन में चौथी घटना दिल्ली के द्वारका स्थित मैक्सफोर्ट स्कूल को शुक्रवार सुबह ईमेल के जरिए बम की धमकी मिलने के बाद खाली करा लिया गया। दिल्ली फायर सेवा (DFS) को सुबह 7.05 बजे इस धमकी की सूचना मिली। पुलिस, बम स्क्वॉड और फायर ब्रिगेड की गाड़िया द्वारका के सेक्टर 7 के स्कूल के अंदर तलाशी ले रही हैं। एक अधिकारी ने कहा, "इमारत को खाली करा लिया गया है और छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए जांच की जा रही है। 5 दिन में यह चौथी बार है, जब दिल्ली के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। दो दिन पहले भी दिल्ली के 3 स्कूलों को इसी तरह की धमकी भरे मेल आए थे। एक दिन पहले प्रसाद नगर स्थित आंध्र एजुकेशन सोसाइटी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, द्वारका सेक्टर 5 स्थित बीजीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, छावला स्थित राव मान सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल, द्वारका सेक्टर 1 स्थित मैक्सफोर्ट स्कूल और द्वारका सेक्टर 10 स्थित इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल सहित छह स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। जम्मू में अब आतंक विरोधी अभियान की कमान सेना की जगह CRPF को मिली, केंद्र ने 3 बटालियन भेजी जम्मू में आतंकवाद विरोधी अभियान की जिम्मेदारी अब CRPF संभालेगी। केंद्र ने इसके लिए तीन बटालियन भेजी हैं, जो उधमपुर और कठुआ में तैनात सेना की राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट्स की जगह लेंगी। सेना की यूनिट्स को अब नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक, यह बदलाव नई सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत आंतरिक इलाकों की सुरक्षा गृह मंत्रालय के अधीन बलों को दी जा रही है। हर बटालियन में करीब 800 जवान होंगे।
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