Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    गिरफ्तारी या 30 दिन हिरासत पर PM-CM का पद जाएगा:5 साल+ सजा वाले अपराध में लागू होगा; सरकार बिल लाई, विपक्ष का विरोध, JPC को भेजा

    21 hours ago

    1

    0

    गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में 3 बिल पेश किए। इसमें यह प्रावधान है कि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री किसी ऐसे क्राइम में अरेस्ट या 30 दिन की हिरासत में रहता है, जिसकी सजा 5 साल या उससे ज्यादा हो तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा। ये तीनों बिल हैं... तीनों विधेयकों के खिलाफ लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने तीनों बिलों को वापस लेने की मांग की। विपक्ष ने गृह मंत्री के ऊपर कागज के गोले फेंके। कांग्रेस और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध जताया। सपा ने बिलों को न्याय विरोधी, संविधान विरोधी बताया। इस पर शाह ने बिलों को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने की मांग की। दिल्ली के CM केजरीवाल ने 6 महीने और तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने 241 दिनों तक हिरासत और जेल में रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था। केजरीवाल तो पद पर रहते गिरफ्तार होने वाले पहले CM थे। अब तीनों बिल के बारे में जानिए 1. गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 केंद्र सरकार के मुताबिक, अभी केंद्र शासित प्रदेशों में गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 (1963 का 20) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 की धारा 45 में संशोधन की आवश्यकता है। 2. 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 केंद्र ने इस बिल को लेकर बताया कि संविधान में किसी ऐसे मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है जिसे गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार किया गया हो और हिरासत में लिया गया हो। इसलिए ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री और राज्यों या नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की जरूरत है। 3. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन के बाद गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिन में हटाने का प्रावधान होगा। ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाला बिल भी पेश केंद्र सरकार लोकसभा में आज ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाला बिल भी पेश किया। कैबिनेट ने 19 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दी। इसमें ऑनलाइन मनी गेमिंग, विज्ञापन, खेल के लिए उकसाने वाले को सजा-जुर्माना या दोनों हो सकता है। तीन साल तक कैद या 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें... केजरीवाल ने गिरफ्तारी के 6 महीने बाद भी इस्तीफा नहीं दिया था केंद्र सरकार का मानना है कि ये तीनों बिल लोकतंत्र और सुशासन की साख मजबूत करेंगे। अब तक, संविधान के तहत, केवल दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों को ही पद से हटाया जा सकता था। मौजूदा कानूनों में संवैधानिक पद पर बैठे नेताओं को हटाने को लेकर स्पष्ट व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर कानूनी और सियासी विवाद होते रहे हैं। दिल्ली के तत्कालीन CM अरविंद केजरीवाल शराब नीति केस केस में ED की गिरफ्तारी के बाद भी पद पर थे। जमानत के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था। इधर, तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी भी 241 दिन जेल में रहते हुए मंत्री रहे थे, बालाजी को मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MTC) में नौकरी के बदले नकद घोटाले के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जून 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। इसके बाद भी वह 13 फरवरी 2024 तक पद पर बने रहे थे। गिरफ्तारी से पहले वे बिजली, आबकारी और मद्य निषेध विभाग संभाल रहे थे। गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उन्हें “बिना विभाग वाला मंत्री” बनाए रखा और उनके विभाग अन्य सहयोगियों को सौंप दिए। शाह आज जो तीन बिल पेश करेंगे, उनमें आपराधिक आरोपों के प्रकार को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन अपराध के लिए कम से कम पांच साल की जेल की सजा होनी चाहिए। इसमें हत्या और यहां तक कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराध भी शामिल होंगे। ------------------------------------ यह खबर भी पढ़ें जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य बनाने का मामला, कोर्ट ने केंद्र से 8 हफ्तों में जवाब मांगा सुप्रीम कोर्ट में 8 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा दोबारा बहाल करने के मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र सरकार से आठ हफ्तों के अंदर लिखित जवाब मांगा। कोर्ट ने अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया। पढ़ें पूरी खबर
    Click here to Read more
    Prev Article
    Nutritionist lists 5 everyday foods to keep us going all day: Complex carbs to hydration champions
    Next Article
    दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर CM हाउस में हमला:सिर पर चोट; आरोपी पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज, दावा- बंगले की रेकी की

    Related Politics Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment