Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    हरियाणा के कारगिल हीरो दीपचंद का फ्लाइट में सम्मान:कानपुर से मुंबई जा रहे थे, 35000 फुट ऊंचाई पर सुनाई शौर्यगाथा; दोनों पैर गंवा चुके

    5 hours ago

    2

    0

    हिसार जिले के कारगिल युद्ध के हीरो दीपचंद का फ्लाइट में सम्मान हुआ है। दीपचंद ने कारगिल युद्ध बहादुरी से लड़ा से था और इस युद्ध में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। हिसार के गांव पाबड़ा के रहने वाले लांसनायक दीपचंद ने कहा कि यह सम्मान पाकर वह गदगद है। ऐसा अनोखा सम्मान उनका कभी नहीं हुआ। दीपचंद 22 जुलाई को कानपुर से मुंबई जा रहे थे। इसी दौरान जब फ्लाइट 35 हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंची तो अचानक अनाउंसमेंट हुआ। इससे यात्री सचेत हो गए। पायलेट ने फ्लाइट में ही अनाउंस किया कि मैं आप सभी को बताना चाहते है कि इस वक्त हमारे बीच एक स्पेशल गेस्ट ऑफ ऑनर बैठे हैं। इनका परिचय करवाते समय मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है। सीट नंबर 1 पर कारगिल युद्ध के हीरो लांसनायक दीपचंद बैठे हैं। यह हमारे देश के हीरो हैं और ऑपरेशन पराक्रम में इन्होंने अपनी वीरता और बहादुरी से दुश्मनों का सामना किया था। मैं सभी से अपील करना चाहूंगा कि इस महान देशभक्त का तालियों के साथ स्वागत किया जाए।" इसके बाद फ्लाइट में सभी यात्रियों ने तालियां बजाई। वाराणसी में युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन में गए थे दीपचंद विकासशील भारत के लिए नशा मुक्त युवा विषय पर 18 से 20 जुलाई को युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन वाराणसी में हुआ था। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की ओर से इस शिखर सम्मेलन में 600 से अधिक युवा नेता, 120 से अधिक आध्यात्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद और क्षेत्र विशेषज्ञ शामिल हुए थे। हिसार से खासतौर पर लांसनायक दीप चंद को इसमें आमंत्रित किया गया था। दीपचंद ने बताया कि इस सम्मेलन में युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया था। इस सम्मेलन में भाग लेकर वह वाराणसी से कानपुर गए थे। यहां एक और इवेंट में शिरकत करने के बाद फ्लाइट से मुंबई गए थे। यह कार्यक्रम एक कंपनी द्वारा स्पॉन्सर किया गया था। जानिये कौन हैं दीपचंद, कैसे कारगिल युद्ध में लोहा मनवाया... 1989 में सेना में भर्ती हुए थे दीपचंद : वर्ष 1989 में सेना में भर्ती हुए दीपचंद कई जोखिम भरे ऑपरेशन में शामिल रहे हैं। पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ विपिन रावत ने कारगिल दिवस पर दीपचंद की सराहना भी की थी। दीपचंद ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि 8 मई 1999 को शुरू हुई कारगिल जंग 26 जुलाई 1999 को पाकिस्तान की हार के साथ खत्म हुई थी। इस युद्ध क्षेत्र का मुश्किल टास्क था तोलोलिंग पर कब्जा करना। कारगिल युद्ध में दिखाया था पराक्रम : इस युद्ध में दीपचंद तोपची थे और तोलोलिंग पर कब्जे के लिए उन्होंने मोर्चा संभाला हुआ था। दीपचंद ने रणभूमि की शौर्य गाथा सुनाते हुए कहा कि वह अपनी यूनिट में सबके फेवरेट जवान थे। सबको अपनी गायकी और शेरो शायरी के हुनर से एंटरटेन किया करते थे। जब कारगिल की लड़ाई चल रही थी टैंक और बड़ी बंदूकों के साथ दीपचंद की टीम दुश्मनों के बंकर तबाह कर रही थी। दीपचंद बताते हैं एक बार उनके अफसरों ने हालचाल लिया। तब जंग के मैदान में दीपचंद ने कहा था साहब राशन भले मिले न मिले गोला-बारूद भरपूर मिलना चाहिए। बटालियन को गैलेंटरी अवॉर्ड मिला : दीपचंद ने जंग के वक्त का एक किस्सा बताते हुए कहा जब मेरी बटालियन को युद्ध के लिए मूव करने का ऑर्डर मिल था, तब हम बहुत खुश हो गए थे। पहला राउंड गोला मेरी गन चार्ली-2 से निकला था तोलोलिंग पोस्ट पर और पहला ही गोला हिट हो गया था। हमने इस मूवमेंट में 8 जगह गन पोजिशन चेंज किया। हम अपने कंधों पर गन उठाकर लेकर जाते थे। हमारी बटालियन ने 10 हजार राउंड फायर किए। मेरी बटालियन को 12 गैलेंटरी अवॉर्ड मिला और हमें कारगिल जीतने का सौभाग्य मिला। ब्लास्ट में गवाएं दोनों पैर और एक हाथ कारगिल की लड़ाई में ऑपरेशन पराक्रम के बाद जब दीपचंद और सैनिक सामान बांध रहे थे तो इसी दौरान ब्लास्ट हो गया था। इस हादसे में दीपचंद का एक हाथ और दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हो गए थे। उनको बचाने के लिए डॉक्टरों ने उनकी दोनों टांगे और एक हाथ को काट दिया था। उनका इतना खून बह गया था कि उन्हें बचाने के लिए 17 बोतल खून चढ़ाया गया। भले ही नायक दीपचंद के घुटने तक दोनों पैर नकली हैं, लेकिन आज भी वो एक फौजी की तरह तनकर खड़े होते हैं और दाहिने बाजू से फौजी सैल्यूट करते हैं।
    Click here to Read more
    Prev Article
    हरियाणा BJP ने कांग्रेस के दावों का मजाक उड़ाया:बोली- 22,000 वोट मिलते तो हम 22 सीटें और जीतते; राहुल गांधी ने कहा था- 22,779 वोटों से राज्य हारे
    Next Article
    Ground invasion in Gaza? Israel military building up troops, equipment near border: Report

    Related Politics Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment