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    जालंधर के काजी मोहल्ले में आज भी मुनीर का घर:1947 के दंगों में हिंदोस्तान छोड़कर गया परिवार, पाक फील्ड मार्शल के पूर्वज रहे हैं हिंदू

    2 months ago

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    पाकिस्तान के आर्मी चीफ से फील्ड मार्शल प्रोमोट हुए आसिम मुनीर का परिवार 1947 के बंटवारे से पहले पंजाब के जालंधर के मोहल्ला काजी मंडी में रहता था। यहां आज भी उनका घर है। तब ये इलाका मुस्लिम बहुल था। बंटवारे के दौरान दंगों की बीच उनका परिवार पाकिस्तान शिफ्ट हो गया। भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव ही भारत विरोधी सोच पर रखी गई। इसी का नतीजा है कि आसिम मुनीर उसी सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं। कालिया ने दावा किया कि मुनीर के पूर्वज हिंदू थे और बाद में उन्होंने इस्लाम अपना लिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे मुनीर की ही भूमिका हो सकती है। मुस्लिम समुदाय को समर्पित कई मोहल्ले पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने कहा कि आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान बने। जालंधर सिटी के कई इलाके तब मुस्लिम बहुल थे। इनमें काजी मोहल्ला, अली मोहल्ला, चाहर बाग और इस्लामाबाद जैसे मोहल्ले मुस्लिमों के गढ़ हुआ करते थे। आसिम मुनीर का परिवार काजी मोहल्ले में रहता था। ये लोग कहीं बाहर से नहीं आए थे। इनकी 8 से 10 पीढ़ियां हिंदू रही हैं। कालिया ने यहां तक ​​कहा कि आसिम मुनीर की पीढ़ियां भी हिंदू रही हैं। काजी मोहल्ला मुस्लिम समुदाय का हिस्सा था जालंधर के वरिष्ठ नागरिकों और स्थानीय निवासियों के अनुसार, 1947 से पहले शहर में लगभग 85 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी। इनमें से ज्यादातर विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए। काजी मोहल्ला निवासी 79 वर्षीय हरप्रीत सिंह कहते हैं कि काजी मोहल्ला मुस्लिमों का गढ़ था और आसिम मुनीर का परिवार भी यहीं से पाकिस्तान गया था। काजी मोहल्ला के केमिस्ट अनिल खेड़ा, जिनके पूर्वजों ने 1894 में पंजाब में पहली केमिस्ट की दुकान खोली थी, कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोग यहां तांगा चलाते थे और पुराने बाजार में सब्जी की दुकानें थीं।उन्होंने अपने बुजुर्गों से सुना है कि काजी मोहल्ला पूरी तरह से मुस्लिम इलाका था और विभाजन के दौरान पूरा इलाका खाली हो गया था। जालंधर में 85% आबादी मुस्लिम थी जालंधर की जामा मस्जिद के गद्दी नशीन (सज्जादा नशीन) सैयद नासिर उद्दीन पीरजादा ने कहा कि सभी मुसलमान जामा मस्जिद में नमाज अदा करने आते थे। जालंधर में 85% आबादी मुस्लिम थी। 12 इलाके तो ऐसे थे जहां 100 फीसदी मुस्लिम ही रहते थे। 1947 के बंटवारे के बाद मुस्लिम समुदाय के लगभग सभी लोग अपने परिवारों के साथ पाकिस्तान चले गए। कई राजनेता, लेखक और अच्छे परिवार पाकिस्तान चले गए। आसिम मुनीर के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक मामला है और वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते क्योंकि वे गद्दी नशीन हैं। आसिम मुनीर और उनके परिवार के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वे कब आए और कब गए।
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