डिजिटल जनगणना में घर बैठे खुद भर सकेंगे फॉर्म:कर्मचारियों के 15 महीने तबादले नहीं होंगे; 2027 तक नया गांव, शहर, तहसील नहीं बना सकेंगे
6 hours ago

जनगणना के लिए राजस्थान में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। पहली बार डिजिटल जनगणना होने जा रही है। इस बार लोग खुद भी जनगणना कर सकेंगे। इसके लिए सेल्फ सेंसस वेब पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। बाद में इस ब्योरे की जांच कर उसे वेरिफाई किया जाएगा। जनगणना के लिए सरकारी कर्मचारी घर-घर जाएंगे। डिजिटल फॉर्मेट में टैबलेट में ब्योरा भरेंगे। मंगलवार को जयपुर स्थित जनगणना के क्षेत्रीय निदेशालय में जनगणना निदेशक बिष्णु चरण मल्लिक ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया- पहली बार सेल्फ सेंसस का प्रयोग किया जा रहा है। राजस्थान सहित देश भर में डिजिटल जनगणना होगी। 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक जनगणना का प्रोसेस चलेगा। इस बार जातिगत जनगणना भी होने जा रही है। दो फेज में जनगणना होगी। पहले फेज में अप्रैल 2026 से सितंबर 2026 तक मकानों की लिस्टिंग गणना का काम होगा। 9 से 20 फरवरी 2027 में लोगों की गिनती होगी। 28 फरवरी 2027 को बेघरों की गिनती होगी। दोनों फेज में लोगों से पूछे जाने वाले सवालों में भी इस बार बदलाव होंगे। कई नए सवाल जुड़ेंगे और कुछ सवाल हटेंगे। जनगणना में 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी-अफसर लगेंगे
जनगणना के काम में करीब 2 लाख कर्मचारी और अफसर लगेंगे। घर-घर जाकर जनगणना करने के काम में ही करीब 1.50 लाख प्रगणक लगेंगे। करीब 30 से 40 हजार सुपरवाइजर और अन्य अफसर रहेंगे। ज्यादातर शिक्षकों और स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को जनगणना के काम में लगाया जाएगा। जनगणना के काम में लगे कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे। 1 जनवरी 2026 से लेकर 31 मार्च 2027 तक जनगणना के काम में लगे कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे। इन कर्मचारियों के तबादलों पर पाबंदी के लिए राज्य सरकार अलग से अधिसूचना जारी करेगी। जनगणना निदेशक ने कहा- जनगणना से जुड़े कर्मचारियों के तबादले सामान्यतया नहीं किए जाते हैं, इसके लिए हमारी तरफ से भी राज्य सरकार से आग्रह किया जाता है। 1 जनवरी से प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज होंगी
जनगणना के कारण 1 जनवरी 2026 से लेकर 31 मार्च 2027 तक प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज रहेंगी। इस अवधि में प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। सरकार वार्ड से लेकर गांव-शहर, तहसील, उपखंड और जिलों की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं कर सकेगी। नई प्रशासनिक यूनिट भी नहीं बन सकेंगी। छह महीने से जो जिस जगह रह रहे हैं, उनकी गिनती होगी
जनगणना के दौरान बाहरी लोगों की भी गिनती होगी। अगर कोई व्यक्ति छह माह से ज्यादा एक इलाके में रह रहा हो तो उसकी गिनती उस इलाके में होगी। दूसरे प्रदेशों के लोग, जहां रह रहे हैं उनकी भी वहीं गिनती होगी। डिजिटल जनगणना की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी
इस बार जनगणना का काम डिजिटल मोड में किया जाएगा। जनगणना के लिए मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल डेवलप किया है। जनगणना करने वाले कर्मचारियों को ऐप में ही हर घर का ब्योरा और लोगों की जानकारी भरनी होगी। उन्हें डिजिटल मैप की सुविधा दी जाएगी। जनगणना की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। जनगणना में किस कर्मचारी ने कितने लोगों का ब्योरा भरा, किस इलाके में कितने घरों तक गए, इसके बारे में रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। डिजिटल जनगणना होने के कारण एक्यूरेसी लेवल बढ़ेगा और गलतियों की गुंजाइश कम हो जाएगी।
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