कॉन्स्टिट्यूशन क्लब चुनाव में भाजपा के 2 नेता आमने-सामने:यह सांसदों और पूर्व सांसदों का संगठन; राजीव प्रताप रूड़ी 25 साल से सेक्रेटरी
5 hours ago

नई दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सेक्रेटरी (एडमिनिस्ट्रेशन) पद समेत 11 कार्यकारी सदस्यों के लिए मंगलवार को चुनाव हुआ। यह पूर्व और वर्तमान सांसदों का एक मंच है। इस दौरान चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सीनियर लीडर सोनिया गांधी ने वोट डाला। चुनाव इसलिए भी काफी दिलचस्प है क्योंकि पद के लिए भाजपा के ही दो बड़े नेता आमने-सामने हैं। मौजूदा सेक्रेटरी (एडमिनिस्ट्रेशन) राजीव प्रताप रूडी 25 साल से पद पर कायम हैं। वे पांच बार से लोकसभा सांसद हैं। इस बार पूर्व मंत्री और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का चेहरा संजीव बालियान ने चुनौती दी है। बालियान दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। चुनाव के नतीजे देर रात तक आने की उम्मीद है। 1200 से ज्यादा वोटर, सिर्फ 690 वोट पड़े
अधिकारियों ने बताया कि कुल 1295 मौजूदा और पूर्व सांसदों में से 690 ने वोट डाले। यह क्लब पदाधिकारियों के चुनाव में अब तक की सबसे ज्यादा वोटिंग में से एक है। लोकसभा स्पीकर क्लब के पदेन अध्यक्ष होते हैं, लेकिन सेक्रेटरी क्लब के कार्यकारी कामकाज में एक बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। रूडी ने अपने कार्यकाल में क्लब में कई नई सुविधाएं जोड़ने का हवाला देकर वोट देने की अपील की है। वहीं, बालियान बदलाव की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्लब को सिर्फ सांसदों और पूर्व सांसदों पर ध्यान देना चाहिए, न कि IAS और PCS जैसे बाहरी लोगों पर। रूडी इंडिगो के ऑनरेरी पायलट राजीव प्रताप रूडी कॉमर्शियल पायलट हैं। उनके पास इसका लाइसेंस भी है। उन्होंने 2007 में फ्लोरिडा में विमान उड़ाने की ट्रेनिंग ली थी। रूडी के पास विमान उड़ाने का लंबा एक्सपीरियंस है। वे अब भी इंडिगो की फ्लाइट उड़ाते हैं। इंडिगो में वे बतौर ऑनरेरी पायलट अपनी सेवाएं देते हैं। रूडी ने फरवरी, 2015 में बेंगलुरु में हुए एयर शो में पहली बार फाइटर प्लेन उड़ाया था। उन्होंने 40 मिनट तक सुखोई विमान उड़ाया, वे उसमें को-पायलट थे। । पेशे से पशु चिकित्सक हैं संजीव बालियान संजीव बालियान पेशे से पशु चिकित्सक हैं। भाजपा ने उन्हें 2014 में पहली बार मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से टिकट दिया था। तब उन्होंने 2014 में बसपा के सिटिंग एमपी कादिर राणा को 5 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। वहीं, 2019 में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के तब के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह को सिर्फ 6526 के मामूली अंतर से हरा पाए थे। हालांकि, बालियान 2024 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। राजनीतिक दृष्टि से मुजफ्फरनगर पश्चिमी यूपी का अहम जिला है।
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