जींद में बेटी होने पर 21 गांवों को भोज कराया:8 हजार लोग पहुंचे, शादी के 19 साल बाद पैदा हुई, खाप उपप्रधान ने कुआं पूजन भी कराया
12 hours ago

हरियाणा के जींद में शादी के 19 साल बाद एक दंपती के घर बेटी का जन्म हुआ। संतान के लिए 19 साल से तरस रहे दंपती ने उम्मीद छोड़कर भाई का बेटा तक गोद लिया था। मगर, 19 साल एक महीने के बाद बिना किसी दवा लिए दंपती को संतान प्राप्ति का सुख मिला। बेटी के जन्म पर दंपती ने गांव ही नहीं, आसपास के 21 गांवों को चूल्हा न्योता देते हुए भव्य जश्न मनाया। आमतौर पर बेटे के जन्म पर की जाने वाली कुआं पूजन की रस्म भी की। डीजे बजा। खुशी में परिवार और महिलाएं खूब थिरकीं। कार्यक्रम में 24 खापों के प्रधान समेत करीब आठ हजार लोग नवजात बेटी को आशीर्वाद देने पहुंचे। ये जश्न हुआ गांव थुआ में। बेटी के पिता सुरेंद्र कालीरमण खाप के उपप्रधान भी हैं। उनका कहना है कि यह समाज के लिए संदेश भी है कि बेटी और बेटा बराबर होते हैं। सिलसिलेवार तरीके से पढ़ें 19 साल के इंतजार और इस जश्न की कहानी... भाईचारे की बैठक में फैसला-21 गांवों को न्योता
सुरेंद्र बताते हैं कि मन में इतनी खुशी थी कि जी चाह रहा तो हर किसी को पार्टी दूं। अपने भाईचारे के साथ बैठक की। जिसमें फैसला लिया कि पूरे गांव का न्योता दूंगा। हालांकि इससे भी सुरेंद्र का मन नहीं भरा, उन्होंने तपा के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर थुआ तपा के सभी 21 गांवों को चूल्हा न्योता दे दिया। पीलिया रस्म पर देसी घी का हलवा-पूरी व अन्य व्यंजन परोसे
8 अगस्त को सुरेंद्र की पत्नी के मायके से पीलिया आया। यह एक पारंपरिक रस्म है। जिसमें मायके से उपहार आदि आते हैं। इसी मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें जिले की 24 खापों के प्रधान के अलावा सात से आठ हजार लोग पहुंचे और बच्ची को आशीर्वाद दिया। ग्रामीणों का हलवा-पूरी, दो सब्जी, चावल आदि परोसे गए। इस दौरान डीजे पर रिश्तेदार खूब थिरके। सिर पर मटका रख कुआं पूजन में झूमी-नाची महिलाएं
गांव में कुआं पूजन करवाया गया। कृष्णा के सिर पर मटका रखकर कुआं की तरफ जाते समय महिलाएं नाची। गांव के सरकारी स्कूल में खाने-पीने का कार्यक्रम किया गया था, जहां पर बड़ा टेंट लगाया गया था। पीलिया लेकर आए बच्ची के मामा ने दिल खोलकर रुपए बिखेरे। अमूमन कुआं पूजन की रस्म बेटे के जन्म पर ही कराई जाती है। अब बेटे-बेटी को खूब पढ़ाने का सपना
सुरेंद्र कहते हैं कि 19 साल के बाद बेटी का जन्म हुआ। पांच साल पहले भाई के बेटे सचिन को गोद लिया था। बड़े भाई के दो बेटे हैं। अब बेटे से भी ज्यादा बेटी के जन्म पर खुशी है। आगे सपना है कि बेटी भूमि और बेटे को खूब पढ़ाएं ताकि ये समाज में नाम कमा सकें। 100 एकड़ की खेती बाड़ी करते हैं सुरेंद्र
थुआ गांव निवासी सुरेंद्र 100 एकड़ से ज्यादा जमीन को ठेके पर लेकर खेती करते हैं। उनके पास खुद की साढ़े चार एकड़ जमीन है। पिछले डेढ़ साल से सुरेंद्र कालीरमण खाप के उपप्रधान हैं। सुरेंद्र ने कहा कि वह बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं समझते हैं। बेटी के जन्म पर इतनी खुशी है कि बयां करना मुश्किल है।
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