शिमला में लैंडस्लाइड में दबी 4 गाड़ियां:चंडीगढ़-मनाली फोरलेन 10 घंटे बाद बहाल; आज भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट
16 hours ago

हिमाचल प्रदेश के कई भागों में रातभर तेज बारिश हुई। इससे जगह-जगह लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन मंडी के जोगनी मोड़ और कैंची मोड़ के पास रातभर बंद रहा। आज सुबह 8.30 बजे दोनों जगह सड़क को वन-वे बहाल कर दिया गया है। वहीं शिमला के अलग अलग क्षेत्रों में चार से ज्यादा गाड़ियां लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हुई हैं। कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है। ISBT के साथ पांजली में बड़ा पेड़ गाड़ी में गिर गया। इससे गाड़ी और घर के गेट व आंगन को भी नुकसान पहुंचा है। टूटीकंडी, विकासनगर और शहर के कई क्षेत्रों में चार गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। आज कांगड़ा-मंडी जिला में ऑरेंज अलर्ट मौसम विभाग ने कांगड़ा और मंडी जिला में आज दिनभर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दे रखा है। कल यानी 13 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिला ऑरेंज अलर्ट दिया गया है, जबकि 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिला में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। अन्य जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। थोड़ी राहत की बात यह है कि 15 अगस्त को प्रदेश के ज्यादातर भागों में मानसून कमजोर पड़ेगा। इस दिन शिमला और कुल्लू जिला में ही बारिश का यलो अलर्ट दिया गया है। 16 व 17 अगस्त को मानसून और ज्यादा कमजोर हो जाएगा। मानसून सीजन में सामान्य से 10% ज्यादा बरसे बादल इस मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 10 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। 20 जून से 11 जुलाई तक 463.7 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 509.5 मिलीमीटर बादल बरस चुके है। शिमला जिला में सामान्य से 69 प्रतिशत ज्यादा, मंडी में 55%, बिलासपुर में 40%, हमीरपुर 38%, कुल्लू 39%, सिरमौर 18%, सोलन 25% और ऊना में नॉर्मल से 44% ज्यादा बारिश हुई। वहीं लाहौल स्पीति में सामान्य से 68% कम, चंबा में 11%, कांगड़ा 2% और किन्नौर में सामान्य से 1% कम बादल बरसे है। कब दिया जाता है ऑरेंज-अलर्ट बता दें कि जब 24 घंटे के भीतर 64.5-115.5 मिलीमीटर (MM) बारिश होने का पूर्वानुमान हो तो उस सूरत में यलो अलर्ट दिया जाता है। 115.6 MM से 204.4 MM बारिश होने की संभावना पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे के 204 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश की संभावना पर रेड अलर्ट दिया जाता है। मानसून में 229 लोगों की मौत प्रदेश में अब तक मानसून सीजन में 229 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता है। भारी बारिश से 2007 करोड़ की प्राइवेट व सरकारी संपत्ति भी नष्ट हो चुकी है। राज्य में 499 मकान पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं, जबकि 157 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। 311 दुकानें और 1955 गौशालाएं भी मानसून की भारी बारिश से नष्ट हुई है। बादल फटने की 30 घटनाएं हो चुकी प्रदेश में इस सीजन में लैंडस्लाइड की 54 घटनाएं, फ्लैश फ्लड की 59 और बादल फटने की 30 घटनाएं पेश आई है। इससे जान और माल दोनों को भारी नुकसान हुआ है।
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