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    कोरोना के नए वैरिएंट से एक महीने में 135 मौतें:बीते 24 घंटे में 3 मरीजों की जान गई; एक्टिव केस घटकर 2086 हुए

    1 month ago

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    देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या बीते 2 हफ्तों से कम हो रही है। बीते 24 घंटे में 30 नए केस सामने आए, जबकि 252 मरीज ठीक हुए हैं। एक्टिव केसों की संख्या घटकर 2086 पहुंच गई है। 12 जून को देशभर में 7131 एक्टिव केस थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोरोना के नए वैरिएंट से जनवरी 2025 से अब तक 142 की मौत हुई है। बीते दिन 3 लोगों ने जान गंवाई है, इनमें दिल्ली के 2 और हरियाणा का एक मरीज शामिल हैं। बीते एक महीने में करीब 135 मौतें हुई हैं। भारत में बढ़ रहे सिंगापुर के निम्बस वैरिएंट के केस ICMR-NIV (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी) के डायरेक्टर डॉ. नवीन कुमार कहा- सिंगापुर में फैल रहे निम्बस (NB.1.8.1) वैरिएंट के केस भारत में भी सामने आ रहे हैं। बीते 5-6 हफ्तों में इन केसों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हमने टेस्टिंग बढ़ा दी है। इस वैरिएंट में फिलहाल ओमिक्रॉन जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। राज्यों से कोरोना अपडेट... भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं, लोगों को चिंता नहीं, बस सतर्क रहना चाहिए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है। NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता। भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं। JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है​​​​​ JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं। --------------------------------------------------- कोरोना से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें... कोरोना साल 2021 में मौतों में 20 लाख का इजाफा, सरकारी रिपोर्ट में खुलासा; इसी साल दोगुना रेट से बढ़ी कोविड-हार्ट डिजीज से मरने वालों की संख्या सालभर बाद दोबारा भारत में कोरोना के एक्टिव मामले 1 हजार का आंकड़ा पार कर चुके हैं। इसमें 2021 के कोरोना काल में मरने वालों का आंकड़ा सामने आया है। यह रिपोर्ट मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ (MCCD) ने जारी की है। पूरी खबर पढ़ें...
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