Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    माचिस की तीली जितनी छोटी गर्भनिरोधक स्टिक:महिला की कोहनी के पास होगी फिट, 3 साल तक असरदार, राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त लगेगी

    11 hours ago

    1

    0

    राजस्थान में अब गर्भनिरोधक के लिए नसबंदी की जरूरत नहीं पड़ेगी। माचिस की तीली जितनी छोटी स्टिक ‘सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट’ से महिलाओं को अनचाहे गर्भ (प्रेग्नेंसी) से मुक्ति मिलेगी। इस लचीली स्टिक को महिला की बांह में महज 5 मिनट में लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो इसे लगाने के बाद 3 साल तक अनचाहे गर्भ से 99.99% मुक्ति मिलेगी। महिला अपनी मर्जी से जब चाहे इसे निकलवा सकती है। भारत सरकार ने परिवार नियोजन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान में इस इंप्लांट की शुरुआत कर दी है। जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के चुनिंदा अस्पतालों में इसकी सुविधा मिल रही है। अबतक 2500 से ज्यादा महिलाओं को यह लग चुकी है। जल्द ही प्रदेशभर के अस्पतालों में इसे शुरू करने के लिए महिला डॉक्टर्स की ट्रेनिंग चल रही है। ये गर्भनिरोधक इंप्लांट क्या है? कैसे इसे लगाया जाता है? यह कैसे काम करेगी? पढ़िए इस एक्सक्लूसिव स्टोरी में… सबसे पहले जानते हैं सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इंप्लांट क्या है? माचिस की तीली जैसा दिखने वाला सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट रबर के समान एक चिप होती है। इसे महिला के शरीर में फिट कर दिया जाए तो उसमें धीरे-धीरे प्रोजेस्टेरोन (पीरियड को कंट्रोल करने वाला) जैसा एक हार्मोन निकलता है। ये हार्मोन गर्भधारण (प्रेग्नेंसी) होने से रोकने का काम करता है। 4 सेंटीमीटर लंबा और 2 मिलीमीटर चौड़े इंप्लांट को महिला की बांह में स्पेशल एप्लीकेटर के जरिए कोहनी से कुछ ऊपर स्किन के नीचे फिट किया जाता है। अगर महिला राइट हैंडेड है, तो स्टिक उलटी बांह में लगती है। लेफ्ट हैंडेड महिलाओं में यह सीधे बाजू में लगती है। इसको लगाने के बाद ये स्टिक बाहर से दिखता नहीं है, लेकिन इसका एहसास जरूर किया जा सकता है। इसे लगाने के दौरान महिला को न तो बेहोश करने की जरूरत पड़ती है और न ही ऑपरेशन थिएटर किसी प्रकार के कोई ऑपरेशन की जरूरत होती है। महज 5 मिनट की ये प्रक्रिया पूरी तरह से पेनलेस है। खास बात यह है कि सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव को जब चाहो तब निकलवाया जा सकता है। इससे महिला के गर्भ धारण करने की क्षमता (फर्टिलिटी) पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। गर्भ निरोधक के रूप में कैसे काम करता है सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट? सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट करने के बाद तीन साल तक 99.9 फीसदी प्रेग्नेंसी के चांस नहीं होते हैं। इसमें खास तरह की दवाई होती है। इस स्टिक में 68 मिलीग्राम इटोनोजेस्ट्रल सॉल्ट (Etonogestrel) होता है। ये धीरे-धीरे ब्लड में घुलता रहता है। बीमार महिलाओं में नहीं लगाया जाता कुछ बीमारियों से ग्रसित महिलाओं में सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इंप्लांट नहीं किया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, माइग्रेन, लिवर कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित महिलाओं में इसे इंप्लांट नहीं किया जाता है। इसे इंप्लांट करवाने के बाद महिलाओं में कुछ साइड इफेक्ट भी नजर आ सकते हैं। शुरुआती चार महीने में 20 फीसदी के पीरियड अनियमित हो सकते हैं। वहीं 1-2 किलो वजन भी बढ़ सकता है। अब तक 150 गायनोकोलॉजिस्ट ने ली ट्रेनिंग प्रदेश में अब तक करीब 150 गायनोकोलॉजिस्ट ने इंप्लांट करने की ट्रेनिंग ले ली है। राजधानी जयपुर में स्थित एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध महिला चिकित्सालय की डॉ. ओबी नागर सभी डॉक्टरों को ट्रेनिंग दे रही हैं। राजधानी में महिला चिकित्सालय के अलावा जनाना हॉस्पिटल, गणगौरी हॉस्पिटल, जयपुरिया हॉस्पिटल, कांवटिया हॉस्पिटल की डॉक्टर्स ने ट्रेनिंग ले ली है। उदयपुर, अजमेर समेत कई जिलों की डॉक्टर्स ट्रेनिंग ले रही हैं। इन डॉक्टर्स को सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव के इंसर्टेशन, रिमूवल स्किल, काउंसलिंग, इन्फेक्शन प्रिवेंशन की ट्रेनिंग दी जा रही है। सिर्फ जयपुर में ही 1500 से अधिक महिलाओं ने लगवाया अब तक राजस्थान के चुनिंदा शहरों के 11 अस्पतालों में ढाई हजार से ज्यादा महिलाओं को ये इंप्लांट किया जा चुका है। इनमें उदयपुर, जयपुर और जोधपुर जिले के हॉस्पिटल शामिल है। राजधानी जयपुर के महिला चिकित्सालय में 880 और जनाना अस्पताल में 700 इंप्लांट लगाए जा चुके हैं। जबकि 85 महिलाएं सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव रिमूव भी करवा चुकी हैं। एक्सपर्ट बोले- गर्भनिरोधक के और भी तरीके, ये ज्यादा कारगर महिला चिकित्सालय की सीनियर प्रोफेसर और इंप्लांट ट्रेनर डॉ. ओबी नागर कहती हैं- हमारे देश में अब इसकी शुरुआत हुई है। कई देशों में ये इंप्लांट किया जा चुका है। नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में पहले से लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्तनपान कराने वाली महिला, बच्चे नहीं चाहने वाली महिलाओं को भी लगाया जा सकता है। ये इंप्लांट नसबंदी की तरह ही गर्भनिरोधक (Contraception) में कारगर है। इसे आसानी से लगाया जा सकता है और जब बच्चा चाहो इसे निकाला जा सकता है। गर्भनिरोधक कब इंप्लांट करवाया जा सकता है? पीरियड (मासिक धर्म) के किसी भी समय सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इंप्लांट किया जा सकता है, बशर्ते गर्भवती न हों। पीरियड के पहले पांच दिनों के दौरान करवाते हैं, तो यह तुरंत गर्भधारण से बचाता है। पीरियड के पांच दिनों के बाद लगवाते हैं, तो 7 दिन के अंदर गर्भनिरोधक इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। इसे लगाने में कितना पैसा खर्च करना पड़ता है? डॉ. ओबी नागर ने बताया कि सरकार के परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत इसे फ्री में इंप्लांट किया जा रहा है। 3 साल के अंतराल में कारगर है इंप्लांट डॉ. ओबी नागर ने बताया- एक बच्चे से दूसरे बच्चे के बीच 3 साल का अंतर रखना जच्चा और बच्चा (मां-बेटा) दोनों के लिए ही फायदेमंद होता है। इसे लगाने पर गर्भनिरोधक गोलियां, कॉपर टी और अंतरा इंजेक्शन, नसबंदी कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। राजस्थान में 20 फीसदी फर्टिलिटी अनचाही परिवार नियोजन सभी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। आज भी राजस्थान में 20 फीसदी फर्टिलिटी अनचाही है। करीब 52 फीसदी गर्भधारण अपर्याप्त अंतराल में होते हैं। इसके अपने जोखिम होते हैं। यही कारण है कि भारत सरकार ने राजस्थान सहित 10 राज्यों में सब डर्मल कॉन्ट्रासेप्टिव इंप्लांट की शुरुआत कर गर्भनिरोधकों की श्रेणी का विस्तार करने की पहल की है।
    Click here to Read more
    Prev Article
    पहली बार दुकानदार से बात, जिससे मनीषा ने कीटनाशक खरीदा:रोज आगे से गुजरती; उस दिन कहा- अंकल, 1 लीटर मोनो देना
    Next Article
    'Pains me to bring storm of chaos': Robin Westman schedules letter to family after Minneapolis shooting; mentions depression, cancer and suicidal thoughts

    Related Politics Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment