Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    ऑपरेशन सिंदूर-पहला डेलिगेशन विदेश रवाना, दूसरा रात 9 बजे जाएगा:17 सांसद 9 देशों को बताएंगे पहलगाम हमले में PAK समर्थित आतंकी संगठन शामिल था

    2 months ago

    12

    0

    ऑपरेशन सिंदूर का मकसद और पाकिस्तान का असल चेहरा दुनिया को बताने के लिए देश के 59 सांसदों को 33 देश भेजा जा रहा है। 59 सांसद 7 सर्वदलीय टीमों (डेलिगेशन) में बंटे हैं। आज दो डेलिगेशन रवाना होंगे, जिनमें कुल 17 सांसद हैं। पहले डेलिगेशन की अगुआई JDU सांसद संजय झा करेंगे जबकि, दूसरे का नेतृत्व शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे करेंगे। इन 7 टीमों में के साथ 8 पूर्व राजनयिक भी रहेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मंगलवार को सांसदों को इस पहल के बारे में ब्रीफिंग दी। सूत्रों के मुताबिक, इसमें ऑपरेशन सिंदूर का बैकग्राउंड और डिप्लोमैटिक एवं सैन्य कार्रवाई के पांच बड़े संदेश इन 33 देशों तक पहुंचाने पर जोर दिया। दुनिया को ये 5 बड़े संदेश देंगे 59 सांसद... यूसुफ पठान की जगह अब अभिषेक बनर्जी TMC से जाएंगे TMC सांसद यूसुफ पठान की जगह अब पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी को डेलिगेशन में जोड़ा गया है। सरकार की पहले जारी लिस्ट में यूसुफ पठान का नाम था, लेकिन TMC चीफ ममता बनर्जी ने पार्टी से पूछे बिना पठान को शामिल करने पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने ममता से बात की थी और फिर अभिषेक का नाम फाइनल हुआ था। कांग्रेस के दिए 4 नाम में से केवल एक को चुना कांग्रेस ने केंद्र को 4 कांग्रेस नेताओं के नाम डेलिगेशन में शामिल करने के लिए दिए थे। इनमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नाम थे। केंद्र ने केवल आनंद शर्मा को शामिल किया है। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की। कांग्रेस ने कहा- सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के दिए 4 में से केवल एक नाम (नेता) को शामिल किया गया। यह नरेंद्र मोदी सरकार की पूरी तरह से निष्ठाहीनता को साबित करता है और गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर उसके खेले जाने वाले सस्ते राजनीतिक खेल को दर्शाता है। शनिवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा था- शुक्रवार (16 मई) सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार​​ के नाम दिए थे।' पिछली सरकारों ने भी अपना पक्ष रखने के लिए डेलिगेशन विदेश भेजे- 1994: विपक्ष के नेता वाजपेयी ने UNHRC में भारत का पक्ष रखा था ये पहली बार नहीं है, जब केंद्र सरकार किसी मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए विपक्षी पार्टियों की मदद लेगी। इससे पहले 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखने के लिए विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय डेलिगेशन को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) भेजा था। उस डेलिगेशन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और सलमान खुर्शीद जैसे नेता भी शामिल थे। तब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में UNHRC के सामने एक प्रस्ताव पेश करने की तैयारी में था। हालांकि, भारतीय डेलिगेशन ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब दिया और नतीजतन पाकिस्तान को अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। उस समय UN में भारत के राजदूत हामिद अंसारी ने भी प्रधानमंत्री राव की रणनीति सफल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2008: मुंबई हमलों के बाद मनमोहन सरकार ने डेलिगेशन विदेश भेजा था 2008 में मुंबई हमलों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी आतंकवादी हमलों में पाकिस्तानी लिंक होने से जुड़े दस्तावेजों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के डेलिगेशन को विदेश भेजने का फैसला किया था। भारत ने पाकिस्तान पर सैन्य हमला न करने का फैसला किया था। हालांकि, मनमोहन सरकार के कूटनीतिक हमले के कारण पाकिस्तान पर लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए काफी अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ा। यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को पहली बार ग्रे-लिस्ट में भी डाला था। क्या है ऑपरेशन सिंदूर? 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। दोनों देशों के बीच 10 मई की शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी। ------------------------------------------------------------ भारत-पाकिस्तान सीजफायर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ऑपरेशन सिंदूर, जवान बोले- गोली उन्होंने चलाई, धमाका हमने किया; पाकिस्तान इसे दशकों तक याद रखेगा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर न्यूज एजेंसी ANI ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के अखनूर सेक्टर में भारतीय सैनिकों से बातचीत की। जवानों ने बताया कि गोली उन्होंने (पाकिस्तान) चलाई थी, लेकिन धमाका हमने किया। भारतीय सैनिकों ने ये भी बताया कि हमने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि दशकों तक वे याद रखेंगे। भविष्य में कुछ भी करने से पहले सौ बार सोचेंगे। पूरी खबर पढ़ें... पीएम बोले- पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ स्थगित, हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देंगे पाकिस्तान के साथ सीजफायर के 51 घंटे बाद PM मोदी ने सोमवार रात 8 बजे देश को संबोधित किया था। अपने 22 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर, आतंकवाद, सिंधु जल समझौते और PoK पर बात की थी। PM ने कहा था कि जिन आतंकियों ने हमारी मां-बहनों का सिंदूर मिटाया, हमने उन्हें मिटा दिया। पूरी खबर पढ़ें...
    Click here to Read more
    Prev Article
    अबूझमाड़ में 27 नक्सलियों का एनकाउंटर, बसवा राजू ढेर:1.5 करोड़ का इनामी था, 20 शव और हथियार बरामद, फायरिंग जारी
    Next Article
    वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू:केंद्र की दलील- हम 100 साल पुरानी समस्या खत्म करने की कोशिश कर रहे

    Related Politics Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment