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    ऑपरेशन सिंदूर पोस्ट विवाद में अली खान की जमानत बढ़ी:जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगी SIT रिपोर्ट, FIR की सीमा तय की

    2 months ago

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    सोनीपत के अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सेना पर कमेंट मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में दोबारा सुनवाई की गई है। कमेंट मामले में सोनीपत में अली खान के खिलाफ दो FiR दर्ज की गई थी। बुधवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच पर अहम निर्देश दिए और प्रोफेसर की अंतरिम जमानत को आगे बढ़ा दिया। बता दें कि प्रोफेसर के मामले में जमानत मिलने के बाद SIT का गठन किया गया था। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने SIT जांच रिपोर्ट भी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने अली मोहम्मद के खिलाफ हुई FIR पर भी NHRC नोटिस को लेकर प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी देने को कहा है। सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर दी गई है और प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद जांच में सहयोग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने SIT से जांच की रिपोर्ट मांगी और स्पष्ट किया कि जांच का दायरा दो एफआईआर तक ही सीमित रहेगा। अंतरिम जमानत में विस्तार, अभिव्यक्ति पर नहीं रोक सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी और कहा कि वह लिख और बोल सकते हैं। हालांकि कोर्ट ने यह शर्त जोड़ी कि वे जांच से जुड़े मामलों पर कुछ भी ऑनलाइन पोस्ट नहीं कर सकते। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उनकी सामान्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई रोक नहीं है। 'ऑपरेशन सिंदूर' पोस्ट से शुरू हुआ विवाद पूरा मामला तब शुरू हुआ जब प्रोफेसर महमूदाबाद ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित एक फेसबुक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना की संयमित कार्रवाई की तारीफ की थी, लेकिन युद्ध उन्माद और प्रतीकात्मक देशभक्ति पर सवाल उठाए थे। इस पोस्ट को हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष और भाजपा युवा नेता योगेश जठेड़ी ने आपत्तिजनक मानते हुए शिकायत दर्ज कराई। 3 पॉइंट में प्रोफेसर की विवादित पोस्ट और गिरफ्तारी की कहानी... अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होनी है, जहां सुप्रीम कोर्ट यह देखेगा कि SIT की जांच निष्पक्ष और सीमित दायरे में रही या नहीं।
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