पीएम-सीएम 30 दिन हिरासत में रहे तो कुर्सी जाएगी:सरकार आज ऐसे नेताओं को पद से हटाने का बिल ला रही, शाह लोकसभा में 3 बिल पेश करेंगे
15 hours ago

केंद्र सरकार गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार होने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का कानून बनाने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को इसके लिए संसद में तीन बिल पेश करेंगे। इन बिलों में प्रावधान हैं कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री ऐसे गंभीर अपराधों में गिरफ्तार किए जाते हैं, जिनमें कम से कम पांच साल की जेल हो सकती है और उन्हें लगातार 30 दिन हिरासत में रखा जाता है, तो 31वें दिन उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। ये बिल हैं- गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025, 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025। अमित शाह इन तीनों बिलों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव भी पेश करेंगे। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने 6 महीने और तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने 2 महीने हिरासत और जेल में रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था। केजरीवाल तो पद पर रहते गिरफ्तार होने वाले पहले CM थे। अब तीनों बिल के बारे में जानिए 1. गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 केंद्र सरकार के मुताबिक, अभी केंद्र शासित प्रदेशों में गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 (1963 का 20) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 की धारा 45 में संशोधन की आवश्यकता है। 2. 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 केंद्र ने इस बिल को लेकर बताया कि संविधान में किसी ऐसे मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है जिसे गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार किया गया हो और हिरासत में लिया गया हो। इसलिए ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री और राज्यों या नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की जरूरत है। 3. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन के बाद गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिन में हटाने का प्रावधान होगा। ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाला बिल भी पेश होगा
केंद्र सरकार लोकसभा में आज ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाला बिल भी पेश कर सकती है। कैबिनेट ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दी है। इसमें ऑनलाइन मनी गेमिंग, विज्ञापन, खेल के लिए उकसाने वाले को सजा-जुर्माना या दोनों हो सकता है। तीन साल तक कैद या 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। केजरीवाल ने गिरफ्तारी के 6 महीने बाद भी इस्तीफा नहीं दिया था केंद्र सरकार का मानना है कि ये तीनों बिल लोकतंत्र और सुशासन की साख मजबूत करेंगे। अब तक, संविधान के तहत, केवल दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों को ही पद से हटाया जा सकता था। मौजूदा कानूनों में संवैधानिक पद पर बैठे नेताओं को हटाने को लेकर स्पष्ट व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर कानूनी और सियासी विवाद होते रहे हैं। दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल शराब नीति केस केस में ईडी की गिरफ्तारी के बाद भी पद पर थे। जमानत के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था। तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने भी विभिन्न आरोपों में गिरफ्तारी के बाद भी पद से इस्तीफा नहीं दिया था। शाह आज जो तीन बिल पेश करेंगे, उनमें आपराधिक आरोपों के प्रकार को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन अपराध के लिए कम से कम पांच साल की जेल की सजा होनी चाहिए। इसमें हत्या और यहां तक कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराध भी शामिल होंगे। ------------------------------------
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