SC बोला-22 लाख मृतकों के नाम सार्वजनिक क्यों नहीं:बिहार SIR मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पारदर्शिता से वोटरों का भरोसा बढ़ेगा
15 hours ago

सुप्रीम कोर्ट में बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR (सामान्य शब्दों में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन) पर तीसरे दिन भी सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच में ये सुनवाई चली। सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण मामले में शुक्रवार दोपहर 2 बजे अगली सुनवाई तय की है। जस्टिस जे. कांत ने कहा कि 'मंगलवार तक चुनाव आयोग यह बताए कि वह पारदर्शिता के लिए क्या कदम उठाने जा रहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने फॉर्म जमा किए हैं, वे फिलहाल मतदाता सूची में शामिल हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मृत, प्रवास कर चुके और डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम सार्वजनिक करने पर अहम सवाल उठाए। जस्टिस जे. कांत ने चुनाव आयोग से पूछा, 'अगर 22 लाख लोगों को मृत पाया गया है, तो उनके नाम ब्लॉक और सब-डिवीजन स्तर पर क्यों न बताए जाएं।' इस पर आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि 'सिर्फ बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ही नहीं, बल्कि बूथ लेवल एजेंट भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं।' जस्टिस जे. बागची ने सुझाव दिया कि 'मृत, प्रवासी या डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम वेबसाइट पर क्यों नहीं डाले जाते।' वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि 'राज्य सरकार की वेबसाइट पर यह संभव नहीं है। इस पर जस्टिस जे कांत ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट उपलब्ध है।' द्विवेदी ने बताया कि 'यह पंचायत चुनाव के लिए है, लेकिन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की वेबसाइट पर जानकारी डाली गई है। जस्टिस कांत ने इस पर सहमति जताई।' सुनवाई के दौरान SC की बड़ी बातें SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...
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