दिल्ली में SYL पर मान-सैनी की मुलाकात:बातचीत सकारात्मक, पंजाब CM बोले- ट्रंप ने अगर इंडस ट्रीटी बहाल कर दी तो फिर गड़बड़
20 hours ago

पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद को लेकर मंगलवार को दिल्ली के श्रमिक शक्ति भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने की। इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शामिल हुए। सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मुद्दे पर सुझाव दे चुका है कि यदि संभव हो तो दोनों राज्य आपसी सहमति से समाधान निकालें और बातचीत के रास्ते को प्राथमिकता दें। हालांकि बैठक में क्या निष्कर्ष निकला, इस पर आधिकारिक बयान अभी सामने नहीं आया है। मसला हल होने की उम्मीदें बढ़ीं
दिल्ली में SYL नहर मुद्दे पर हुई बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चर्चा सकारात्मक माहौल में हुई। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के अनुसार आपसी बातचीत से समाधान निकालने की दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए हैं और आगे भी अच्छे नतीजे मिलने की उम्मीद है। मान ने कहा कि पंजाब पानी के बंटवारे के मसले पर तार्किक और न्यायसंगत समाधान चाहता है। उन्होंने कहा कि यदि यमुना नदी का पानी पंजाब को मिले और सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) रद्द होने के बाद मिलने वाला अतिरिक्त पानी भी उपलब्ध हो जाए, तो पंजाब हरियाणा और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों को भी पानी देने पर विचार कर सकता है। मुख्यमंत्री ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, "बस डोनाल्ड ट्रंप कोई ऐसा ट्वीट न कर दें कि इंडस ट्रीटी फिर से बहाल कर दी गई है," उनका इशारा पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि की ओर था, जिसे भारत के रद्द करने की संभावनाओं पर चर्चा होती रही है। हरियाणा ने दोहराई SYL पूरी करने की मांग
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह एक बहुत पुराना और गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई को भी एक सकारात्मक बैठक हुई थी और 13 अगस्त को जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, तो हरियाणा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ ही अदालत पहुंचेगा। सैनी ने कहा कि हरियाणा को उसका हिस्सा मिलने तक राज्य अपने अधिकार की लड़ाई जारी रखेगा। सैनी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच लड़ाई नहीं है, यह राजनीतिक दलों द्वारा वर्षों से खड़ा किया गया मुद्दा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा को SYL नहर से उसका पानी मिलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में 13 अगस्त को सुनवाई
बता दें कि SYL नहर की कुल लंबाई 214 किलोमीटर है, जिसमें हरियाणा का हिस्सा बन चुका है, लेकिन पंजाब के हिस्से का निर्माण अब तक अधूरा है। 15 जनवरी 2002 को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया और पंजाब को नहर का काम पूरा करने का आदेश दिया। हालांकि, 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा में कानून पास कर 1981 के समझौते को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी। उससे पहले एक और बैठक बुलाई जाएगी, ताकि अंतिम प्रयास के तौर पर आपसी सहमति बनाई जा सके। पंजाब का रुख: पहले रावी और चिनाब का पानी
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दोहराया कि पंजाब की प्राथमिकता अपने हिस्से का पानी सुरक्षित करना है। उन्होंने कहा- हरियाणा हमारा भाई है। अगर हमें रावी और चिनाब का पानी मिल जाएगा, तो हम हरियाणा को पानी देने में कोई दिक्कत नहीं करेंगे। बैठक में फिलहाल कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन माहौल सकारात्मक रहा। केंद्र सरकार ने भी भरोसा दिलाया है कि वह दोनों राज्यों की चिंताओं पर विचार करेगी। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले इस तरह की बैठकें इस लंबे समय से लटके मुद्दे को सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही हैं।
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