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    यूपी में मिली ट्रेन से लापता अर्चना भोपाल पहुंची:पुलिस को बताया- पटवारी से मर्जी के खिलाफ शादी तय की, इसलिए घर से भागी

    19 hours ago

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    भोपाल जीआरपी ने सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी (29) को 12 दिन बाद नेपाल बॉर्डर से बरामद कर लिया है। उसे बुधवार सुबह फ्लाइट से भोपाल लाया गया। अर्चना 7 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच से इंदौर से कटनी के बीच लापता हो गई थी। एसपी रेल राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना को यूपी की लखीमपुर खीरी पुलिस की मदद से बरामद किया है। अर्चना ने अपने बयानों में बताया कि वे आगे पढ़ना चाहती थी, जबकि परिवार वाले उसकी मर्जी के खिलाफ एक पटवारी से रिश्ता तय कर चुके थे और उसी से शादी कराने का दबाव बना रहे थे। इसी महीने 7 तारीख को सगाई तय की गई थी। अर्चना ने पुलिस को बताया कि घर से बिन बताए निकलने की योजना उसी ने बनाई थी। उसका अपहरण नहीं हुआ है, इसी के साथ लापता रहने के दौरान उसके साथ किसी प्रकार का गलत काम भी नहीं हुआ है। घर से भागकर वे अकेले रहकर सिविल जज की तैयारी करना चाहती थी। बता दें, इससे पहले अर्चना की गुमशुदगी मामले में ग्वालियर के भंवरपुरा थाने के आरक्षक राम तोमर से पूछताछ की गई थी। अर्चना और राम बीते 2 साल से संपर्क में थे। राम ने अपनी आईडी का इस्तेमाल कर मोबाइल से अर्चना के लिए इंदौर से कटनी का टिकट बुक किया था। अर्चना की सर्चिंग इंदौर, भोपाल, कटनी जीआरपी, जिला पुलिस बल के साथ ही वन विभाग की टीमें भी कर रही थी। सारांश जैन इटारसी से शुजालपुर ले गया था अर्चना ने ट्रेन में सफर के दौरान इटारसी में रहने वाले दोस्त तेजेंदर सिंह से कॉल करके मदद मांगी। उसने तेजेंदर को बताया कि वापस इंदौर जाना चाहती है। उसे नर्मदापुरम स्टेशन पर उतार ले। तेजेंदर मदद के लिए तैयार हो गया। उसने नर्मदापुरम स्टेशन पर युवती को ट्रेन से उतारा, अपनी कार से इटारसी पहुंचाया। इटारसी पहुंचने से पहले उसने दोस्त सारांश जैन को कॉल कर दिया था। शुजालपुर का रहने वाला सारांश युवती के बताए अनुसार 7 अगस्त की रात को इटारसी पहुंच गया। युवती को लेकर शुजालपुर पहुंचा। यहां कुछ घंटे बिताने के बाद अगले दिन 8 अगस्त को कार से उसे इंदौर छोड़ दिया। दोस्त से बात करके मोबाइल और सिम तोड़ दी रेल एसपी लोढ़ा ने बताया कि अर्चना ने तेजेंदर को कॉल कर बताया था कि उसके मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज हो रही है। ट्रेन में चार्जर का इंतजाम नहीं हो रहा है। नर्मदापुरम स्टेशन का एक खास स्थान तेजेंदर ने पहले ही बता दिया था। उसने अर्चना से वहीं मिलने की बात कही थी। अर्चना ने बुधनी के करीब मिडघाट में अपना मोबाइल फोन और सिम तोड़कर फेंक दी थी। लोढ़ा ने बताया कि अर्चना एडवोकेट है और सिविल जज की तैयारी कर रही है, उसे पुलिस का काम करने का तरीका मालूम है। उसने ट्रेन में अपनी सीट पर अपना दुपट्‌टा और सामान छोड़ दिया था। मोबाइल मिडघाट में टूटा हुआ मिला, इस कारण पुलिस वहीं आस पास के इलाकों में उसे तलाश रही। दो हजार फुटेज खंगाले तब तेजेंदर और सारांश तक पहुंची पुलिस पुलिस ने तेजेंदर और सारांश तक पहुंचने के लिए अलग-अलग स्टेशन के करीब दो हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। सीडीआर के आधार पर तेजेंदर और सारांश से पूछताछ की गई। तब उसके नेपाल में होने की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस ने नेपाल एम्बेसी की मदद से युवती को नेपाल बॉर्डर लखीमपुर खीरी तक डिपोर्ट कराया। शुजालपुर से युवक को हिरासत में लिया इसी मामले में जीआरपी ने शुजालपुर निवासी सारांश जैन को भी 18 अगस्त की रात पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। सारांश एग्रीकल्चर ड्रोन कंपनी में काम करता है। फिलहाल, इंदौर में रहता है। सारांश के पिता जोगचंद्र ने कहा, 'बेटे ने कभी अर्चना का नाम नहीं बताया। 3 महीने पहले सपना नाम की एडवोकेट से प्रेम की बात कही थी। हमने बेटे को समझाया था कि कोई गलती न करे। हमें पूरा भरोसा है कि वह निर्दोष है।' फोन पर मां से कहा- सुरक्षित हूं पुलिस को पता लगा था कि मंगलवार सुबह अर्चना ने अपनी मां को कॉल कर सुरक्षित होने की बात कही थी। परिवार के करीबी युवा कांग्रेस नेता दिव्यांशु मिश्रा ने भी मां से अर्चना की बात होने की पुष्टि की थी। इस कॉल के आधार पर पुलिस अर्चना की लोकेशन ट्रैस करने में जुट गई थी। ये खबर भी पढे़ं... 8 दिन से लापता नाबालिग घर के पास बेहोश मिली रीवा में 8 दिन से लापता 12वीं की टॉपर छात्रा दो दिन पहले घर के पास 500 मीटर दूर बेहोश हालत में मिली। उसके हाथों और शरीर पर चोट और नाखून के निशान हैं। पिता ने कहा कि बेटी के साथ तीन युवकों ने गैंगरेप किया। इसके बाद उसे घर के पास फेंककर चले गए। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है। पढ़ें पूरी खबर...
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