3 साल की बच्ची को सांप ने तीन बार काटा:24 घंटे में 40 एंटी वेनम इंजेक्शन दिए; 11 दिन वेंटिलेटर पर रही, तब बची जान
5 hours ago

शहडोल में एक तीन साल की बच्ची को करैत सांप ने एक ही रात में तीन बार काट लिया था। बच्ची के परिजन जब उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, तब उसकी हालत बेहद नाजुक थी। उसे पैरालिसिस हो गया था और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों ने उसे तुरंत वेंटिलेटर पर रखा। 24 घंटे में 40 एंटी वेनम इंजेक्शन दिए। 11 दिन वेंटिलेटर और 9 दिन ऑब्जरवेशन के बाद बच्ची की जान बच सकी। गुरुवार को बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया। दादी के साथ जमीन पर सो रही थी मासूम
मामला सोहागपुर के पिपरिया गांव का है। कंचन कोल (3) घटना की रात दादी के साथ जमीन पर सो रही थी। करैत सांप ने बच्ची के बाएं हाथ की कोहनी में तीन बार डसा था। न्यूरो टॉक्सिक जहर के कारण उसका शरीर सुन्न पड़ गया था। जिला अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा नहीं होने के बावजूद डॉक्टरों की टीम ने हार नहीं मानी। डॉक्टर बोले- तेजी से फैल रहा था जहर
जिला अस्पताल के PICU में डॉक्टर सुनील हथगेल ने बताया कि बच्ची की हालत गंभीर थी। उसके शरीर में जहर तेजी से फैल रहा था। उसे आईसीयू में रखते ही एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन के 20 डोज दिए गए। 6 घंटे आब्जर्वेशन में रखने के बाद उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी, जिसे देखते हुए 10 एंटी स्नेक इंजेक्शन फिर लगाए। 24 घंटे के भीतर 10 डोज उसे और दिया गया। 11 दिन बाद वेंटिलेटर से बाहर लाया
शहडोल में यह इस वर्ष का सबसे जटिल स्नेक बाइट केस था। हमें लगभग 40 वायल एंटी स्नेक वेनम की आवश्यकता पड़ी। बच्ची के बचने की संभावना बहुत कम थी, लेकिन हमारी टीम ने निरंतर प्रयास किया। 11 दिनों बाद, बच्ची को वेंटिलेटर से बाहर लाया गया। इलाज के 15 दिनों के बाद, कंचन ने खुद से दूध पीना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे सामान्य आहार लेने लगी। बच्ची की आवाज भी लौटने लगी है, जोकि पहले पूरी तरह चली गई थी। परिजन बोले- डॉक्टरों ने बेटी को नई जिंदगी दी
कंचन के माता-पिता कृष्ण कोल और गायत्री कोल ने कहा कि हमें पहले लग रहा था कि बेटी को बचाना मुश्किल होगा। लेकिन डॉक्टरों की टीम ने हमारी बेटी को नई जिंदगी दे दी। डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई और कंचन की हालत में सुधार होने लगा। कॉमन करैत का जहर बेहद घातक
स्नेक कैचर के अनुसार, कॉमन करैत सांप रात को सक्रिय होता है और इसका जहर कोबरा से चार गुना अधिक घातक माना जाता है। भारत में इसे सबसे खतरनाक सांपों की श्रेणी में पहले नंबर पर रखा जाता है। यह खबर भी पढ़ें
सो रही मां और दो बेटों को सांप ने डसा, तीनों की मौत घर में सो रही महिला और उसके दो बेटों को सांप ने डस लिया। जिससे तीनों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सांप काटने के बाद परिजन ने झाड़-फूंक कराया। जिसके चलते इलाज में देरी होने से उनकी जान नहीं बच सकी। पढ़ें पूरी खबर जरूरत की खबर- मानसून में बढ़ता सांप काटने का जोखिम मानसून के दौरान तेज बारिश से सांपों के बिलों या छिपने वाली जगहों में पानी भर जाता है। इससे सांप सूखी और सुरक्षित जगहों की तलाश में बाहर निकलते हैं। इस दौरान वे घर, दुकान और खेत-खलिहान की ओर रुख करते हैं। भारत में हर साल 30-40 लाख लोग सर्पदंश का शिकार बनते हैं, जिसमें से 50 हजार से ज्यादा की जान चली जाती है। सही जानकारी और थोड़ी सी सावधानी हमें इस खतरे से बचा सकती है। पढ़ें पूरी खबर
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