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    योगी की तारीफ करने पर विधायक पूजा पाल बर्खास्त:विधानसभा में कहा- अतीक को मिट्‌टी में मिलाया, 8 घंटे बाद अखिलेश ने निकाला

    6 hours ago

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    सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधायक पूजा पाल को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। पूजा पाल ने गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान सीएम योगी की तारीफ में कहा था- उन्होंने माफिया अतीक अहमद को मिट्‌टी में मिलाया। पूजा की इस स्पीच के बाद ही उनको पार्टी से निकालने का आदेश जारी किया गया। विधायक पूजा पाल, राजू पाल की पत्नी हैं। 2005 में राजू पाल की हत्या अतीक अहमद ने की थी। सपा से निकाले जाने के बाद दैनिक भास्कर से पूजा पाल ने कहा- मुझे जो सही लगा, मैंने कहा। मैंने न सपा का नाम लिया, न ही अखिलेश यादव का। मैंने सिर्फ अतीक अहमद का नाम लिया। मैंने तो सिर्फ सीएम योगी को धन्यवाद दिया था। इसमें मैंने कोई अपराध नहीं किया। भाजपा जॉइन करने पर कहा- अभी मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं है। सपा बोली- पूजा पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थीं सपा ने कहा- पूजा पाल ने लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियां कीं। चेतावनी देने के बावजूद उन्होंने इन्हें बंद नहीं किया। इससे पार्टी को नुकसान हुआ। उनका आचरण पार्टी हितों के खिलाफ है। खबर में पोल है, आगे बढ़ने से पहले हिस्सा लें इसी कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से सपा से निष्कासित किया जाता है। साथ ही, उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटाया जाता है। अब वह न तो सपा के किसी कार्यक्रम में शामिल होंगी और न ही इसके लिए आमंत्रित की जाएंगी। पूजा पाल ने आज विधानसभा में क्या कहा था, पूरा बयान पढ़िए- मैंने अपना पति खोया है। सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या कैसे हुई और किसने की? मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया। मेरी बात तब सुनी, जब किसी ने नहीं सुनी। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया और अपराधियों को दंड दिया। मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लाकर अतीक अहमद जैसे अपराधियों मिट्टी मिलाया है। मैं उनके इस जीरो टॉलरेंस का समर्थन करती हूं। मैंने तब आवाज उठाई, जब मैंने देखा कि कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता, जब मैं इस लड़ाई से थकने लगी, तब सीएम योगी ने मुझे न्याय दिलाया। आज पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री की ओर विश्वास से देखता है। पार्टी से निकाले जाने के बाद पूजा पाल ने क्या कहा, सवाल-जवाब में पढ़िए सवाल: अखिलेश यादव ने आपको पार्टी से निकाल दिया, क्या कहेंगी? जवाब: विधानसभा में विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा हो रही थी। मुझे जो सही लगा, मैंने कहा। मैंने न सपा का नाम लिया, न ही अखिलेश यादव का। मैंने सिर्फ अतीक अहमद का नाम लिया और अपनी परेशानियों का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने मुझे न्याय दिलाया, इसलिए मैंने उन्हें धन्यवाद दिया। इसमें मैंने कोई अपराध नहीं किया। सवाल: सपा का कहना है कि आपने ‘बुलडोजर न्याय’ को सही बताया है? जवाब: मैंने अपने समाज और प्रयागराज के विकास की बात की। भू-माफिया अतीक अहमद का खात्मा हुआ, उसका जिक्र किया। मंत्रीजी को धन्यवाद दिया। यूपी और पूरा प्रयागराज अतीक अहमद के आतंक से परेशान था। पता नहीं कितनी हत्याएं हुईं, लेकिन इन लोगों (सपा) की आंखें नहीं खुलीं। 2 साल पहले प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या हुई। इसके बाद एनकाउंटर हुआ। इन लोगों ने उसे फेक बताया। पहले उमेश पाल की मौत पर रोए, फिर अतीक के बेटे के एनकाउंटर पर रोने लगे। सपा को तय करना चाहिए कि वे पीड़ित परिवार के साथ हैं या अपराधियों के। सवाल: क्या आप भाजपा जॉइन करेंगी? जवाब: अभी मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं है। मैंने तो सिर्फ सीएम योगी को धन्यवाद दिया था। मैं उनकी तारीफ उसी दिन से कर रही हूं, जब अतीक अहमद का खात्मा हुआ। सिर्फ मैं ही नहीं, प्रयागराज की वो महिलाएं भी खुश हैं, जो अतीक से परेशान थीं। मुझे जिताकर सदन में भेजने वाले लोग वही हैं। विधायक मैं बाद में बनी, पहले मैं एक पीड़ित पत्नी थी। राजू पाल ने मुझसे कभी नहीं कहा था कि मरने के बाद तुम विधायक बनना। मैं इसलिए लड़ रही हूं, क्योंकि मेरे साथ जो हुआ, वो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। जानिए, कौन हैं पूजा पाल पूजा पाल प्रयागराज के कटघर मोहल्ले में रहती थीं। 16 जनवरी, 2005 को पूजा की शादी धूमनगंज के उमरपुर नीवां में रहने वाले राजू पाल के साथ हुई थी। राजू पाल उस समय इलाहाबाद के शहर पश्चिमी सीट से बसपा के विधायक थे। पूजा की शादी के महज 9 दिन बाद ही राजू पाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इसमें माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का नाम आया था। पति की हत्या के बाद पूजा पाल डरी नहीं। वह हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ती रहीं। पूजा 2007 में प्रयागराज पश्चिम से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की। इसके बाद 2012 में इसी सीट से माफिया अतीक अहमद को चुनाव हराया। 2017 में बसपा के टिकट पर तीसरी बार चुनाव लड़ीं और हार गईं। इसके बाद 2022 में सपा के टिकट पर कौशांबी की चायल सीट से चुनाव लड़ी और विधायक बनीं। अखिलेश ने 7 बागी विधायकों में से 4 को निकाला यूपी में फरवरी- 2024 में राज्यसभा चुनाव में सपा के 7 विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। इस घटना ने सपा को बड़ा झटका दिया था। इस वजह से सपा का तीसरा राज्यसभा उम्मीदवार हार गया था। जबकि भाजपा के सभी 8 राज्यसभा उम्मीदवार की जीत हुई थी। क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडेय, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष मौर्य और राकेश पांडेय शामिल थे। अभय सिंह और मनोज पांडेय ने बाद में भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण कर ली थी। इस बगावत के बाद सपा नेतृत्व ने 2 महीने पहले अभय सिंह, राकेश सिंह और मनोज पांडेय निकाल दिया था। इसके बाद आज पूजा पाल को भी पार्टी से निकाल दिया गया। इस तरह अभी तक कुल 4 बागी विधायकों को सपा से निकाला जा चुका है। अखिलेश ने पूजा पाल को कई मौके दिए, आखिर में निकाला राजनीतिक एक्सपर्ट का मानना है कि पूजा पाल काफी समय से बगावती रुख अपनाए थीं। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी की जगह भाजपा को वोट दिया था। इसके बावजूद सपा प्रमुख अखिलेश यादव उन्हें पार्टी से नहीं निकाल रहे थे। अखिलेश पूजा पाल को एक मौका देना चाहते थे। कारण यह भी था कि पूजा पाल पीडीए परिवार से आती हैं। इसके बावजूद पूजा पाल बार-बार पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान दे रही थीं। महाकुंभ में सीएम योगी से मिलने गईं। यह सब भी अखिलेश ने बर्दाश्त कर लिया। लेकिन, जब गुरुवार को विधानसभा में अतीक अहमद के खिलाफ बोलीं और सीएम योगी की तारीफ की तो अखिलेश को यह नागवार लगा। उन्हें अपना मुस्लिम वोटबैंक भी खिसकने का खतरा लग रहा था। यही वजह है कि पूजा पाल के विधानसभा में दिए बयान के 8 घंटे के अंदर ही उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उमेश पाल की बुआ की बेटी हैं पूजा पाल उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक अहमद की उलटी गिनती शुरू हुई थी। दरअसल, उमेश पाल बसपा विधायक और पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह थे। साल-2005 में राजू पाल की हत्या अतीक अहमद ने ही की थी। इस वजह से वह अतीक अहमद के निशाने पर थे। पूजा पाल, उमेश पाल की बुआ की बेटी हैं। उमेश पाल की 24 फरवरी, 2023 की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल हत्याकांड ने काफी तूल पकड़ा था। उस समय विधानसभा में सीएम योगी और नेता विपक्ष रहे अखिलेश यादव के बीच तीखी बहस हुई थी। तभी योगी ने कहा था कि यूपी में माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। --------------------- ये खबर भी पढ़ें- चप्पल में एनकाउंटर करने वाले डीके शाही को वीरता पुरस्कार:मंगेश यादव एनकाउंटर से चर्चा में आए; 16 और पुलिसकर्मी भी सम्मानित यूपी STF के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही यानी डीके शाही को वीरता पुरस्कार (गैलेंट्री अवॉर्ड) मिला है। यह वही डीके शाही हैं, जिन्होंने सुल्तानपुर डकैती में वांटेड मंगेश यादव का एनकाउंटर किया था। डीके शाही को लेकर उस वक्त खूब सियासत हुई। वजह थी- एनकाउंटर स्पॉट पर उनकी एक तस्वीर। इसमें वह चप्पल पहने नजर आए थे। पढ़ें पूरी खबर
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