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    पूजा पाल पर भड़के अखिलेश, पार्टी से बर्खास्त किया:आज विधानसभा में योगी की तारीफ की, कहा था-अतीक को मिट्‌टी में मिलाया

    3 hours ago

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    अखिलेश यादव ने सपा की बागी विधायक पूजा पाल को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। पूजा पाल ने आज विधानसभा सत्र के दौरान सीएम योगी की तारीफ की थी। कहा था- उन्होंने माफिया अतीक अहमद को मिट्‌टी में मिलाया। पूजा की इस स्पीच के 8 घंटे बाद ही उनको पार्टी से निकालने का आदेश जारी कर दिया। सपा ने कहा- पूजा पाल द्वारा लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियां की गईं। चेतावनी देने के बावजूद उन्होंने इन्हें बंद नहीं किया, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ। उनका आचरण पार्टी हितों के खिलाफ है। इसी कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से सपा से निष्कासित किया जाता है। साथ ही, उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटाया जाता है। अब वह न तो सपा के किसी कार्यक्रम में शामिल होंगी और न ही इसके लिए आमंत्रित की जाएंगी। विधायक पूजा पाल, राजू पाल की पत्नी हैं। राजू पाल की हत्या अतीक अहमद ने की थी। पूजा पाल ने आज विधानसभा में क्या कहा था, पूरा बयान पढ़िए- मैंने अपना पति खोया है, सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या कैसे हुई और किसने की। मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात तब सुनी, जब किसी ने नहीं सुनी। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया और अपराधियों को दंड दिया। मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लाकर अतीक अहमद जैसे अपराधियों मिट्टी मिलाया है।मैं उनके इस जीरो टॉलरेंस का समर्थन करती हूं। मैंने तब आवाज उठाई, जब मैंने देखा कि कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता, जब मैं इस लड़ाई से थकने लगी, तब सीएम योगी ने मुझे न्याय दिलाया। आज पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री की ओर विश्वास से देखता है। जानिए, कौन हैं पूजा पाल पूजा पाल प्रयागराज के कटघर मोहल्ले में रहती थीं। 16 जनवरी 2005 को पूजा की शादी धूमनगंज के उमरपुर नीवां के निवासी राजू पाल के साथ हुई। राजू पाल उस समय इलाहाबाद के शहर पश्चिमी सीट से बसपा के विधायक थे। पूजा की शादी के महज 9 दिन बाद ही उनके पति राजू पाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी । इसमें माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का नाम आया था। पति की हत्या के बाद पूजा पाल भयभीत नहीं हुईं और हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ती रहीं। 2007 में प्रयागराज पश्चिम से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की। इसके बाद 2012 में इसी सीट से माफिया अतीक अहमद को चुनाव हराया था। 2017 में बसपा के टिकट पर तीसरी बार चुनाव लड़ीं और हार गईं। इसके बाद 2022 में सपा के टिकट पर कौशांबी की चायल सीट से चुनाव लड़ी और विधायक बनीं। अखिलेश ने 7 बागी विधायकों में से 4 को निकाला यूपी में फरवरी 2024 में राज्यसभा चुनाव में सपा के 7 विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। इस घटना ने सपा को बड़ा झटका दिया था। इस वजह से सपा का तीसरा राज्यसभा उम्मीदवार हार गया था। जबकि भाजपा के सभी 8 राज्यसभा उम्मीदवार की जीत हुई थी। क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडेय, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष मौर्य और राकेश पांडेय शामिल थे। अभय सिंह और मनोज पांडेय ने बाद में भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण कर ली थी। इस बगावत के बाद सपा नेतृत्व ने इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। 2 महीने पहले अभय सिंह, राकेश सिंह और मनोज पांडेय निकाल दिया था। इसके बाद से पूजा पाल पर कार्रवाई तय मानी जा रही थी। अभी 3 विधायक और हैं, जिनके खिलाफ सपा ने कोई कार्रवाई नहीं की है। खबर लगातार अपडेट की जा रही है..... --------------------- ये खबर भी पढ़ें- चप्पल में एनकाउंटर करने वाले डीके शाही को वीरता पुरस्कार:मंगेश यादव एनकाउंटर से चर्चा में आए; 16 और पुलिसकर्मी भी सम्मानित यूपी STF के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही यानी डीके शाही को वीरता पुरस्कार (गैलेंट्री अवॉर्ड) मिला है। यह वही डीके शाही हैं, जिन्होंने सुल्तानपुर डकैती में वांटेड मंगेश यादव का एनकाउंटर किया था। डीके शाही को लेकर उस वक्त खूब सियासत हुई। वजह थी- एनकाउंटर स्पॉट पर उनकी एक तस्वीर। इसमें वह चप्पल पहने नजर आए थे। पढ़ें पूरी खबर
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