सोम नदी की बाढ़ में तबाह हुआ यमुनानगर का चिंतपुर:लोग बोले- घरों में था 4 फीट पानी, रात जागकर गुजारी; राशन तक नहीं बचा
7 hours ago

हरियाणा में इस मानसून सीजन में बादल अनुमान से ज्यादा बरसे हैं। IMD के मुताबिक हरियाणा में अब तक सामान्य से 13 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। और प्रदेश के सभी जिलों में से सबसे ज्यादा बारिश (800 एमएम) यमुनानगर में हुई है। बारिश और नदियों में आए उफान के कारण यहां पर अब बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। रही सही कसर हिमाचल में बादल फटने की घटनाओं ने पूरी कर दी है। यमुनानगर से लगकर बह रही सोम नदी ने तो इस सीजन भारी तबाही मचाई है। हालात ये थे कि सोम नदी, जो आमतौर पर 10 हजार क्यूसेक पानी की क्षमता वाली है, इस बार 24 हजार क्यूसेक से अधिक पानी के बहाव से उफान पर आ गई। इसका पानी ओवरफ्लो होकर छछरौली क्षेत्र में नदी किनारे बसे गांवों में घुस गया, जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ चिंतपुर गांव, जहां गांव तक जाने वाली सड़कें पूरी तरह टूट गईं। लोगों के घरों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया था, जिससे अब तक नुकसान हो रहा है। कुछेक घरों के हालात तो ऐसे हुए कि पूरे परिवार को पड़ोसियों के घर रात गुजारनी पड़ी। पशु रात भर पानी में खड़े रहे। पानी में डूब कर राशन तक खराब हो गया था। बाढ़ के बाद दैनिक भास्कर एप की टीम गांव चिंतपुर में स्थिति जानने के लिए पहुंची। इस दौरान ग्रामीणों से बातचीत की, जहां दर्द, गुस्सा और उम्मीद की मिली-जुली तस्वीर उभरी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... बाढ़ से हुए नुकसान के कुछ PHOTOS... पहले जानिए गांव चिंतपुर में क्या दिखा... ग्रामीणों की जुबानी, बाढ़ से तबाही की कहानी... सोनिया बोलीं: घर में पानी, राशन तबाह, रात पड़ोस में गुजारी
चिंतपुर की निवासी सोनिया की आवाज में दर्द साफ सुनाई देता है। वह बताती हैं, सुबह मैं रसोई में खाना बना रही थी, तभी अचानक आंगन में पानी की लहरें नजर आईं। मैं कुछ समझ पाती, इससे पहले ही पानी घर के अंदर तक घुस गया। अनाज, बिस्तर, कपड़े सब कुछ पानी में डूब गया। राशन खराब हो गया, बिस्तर भीग गए। हम बेबस होकर ताकते रहे, न सामान बचा पाए, न पानी रोक पाए। पानी उतरने के बाद पड़ोसियों ने मदद की, लेकिन आंगन में खड़ा पानी सभी को रातभर सताता रहा। मजबूरन परिवार को रात पड़ोसियों के घर में बितानी पड़ी। डर था कि कहीं नदी का पानी फिर से न लौट आए। प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं पहुंची। अंग्रेजो बोलीं: पशुओं का चारा डूबा, जानवर रातभर पानी में खड़े रहे
गांव की फिरनी पर महिला अंग्रेजो ने अपने पशुओं के लिए एक कमरा बनाया हुआ है, जहां चारा भी रखा था। मगर, नदी के पानी ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। वे बताती हैं कि पानी इतनी तेजी से घुसा कि देखते ही देखते तीन-चार फीट ऊंचा हो गया। पशुशाला नीची थी, वहां पानी जमा हो गया। वह बाल्टियों से पानी निकालते रहे, लेकिन पानी था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। उनके पशु सारी रात पानी में खड़े रहे, जिसे देखकर उनका दिल बैठ गया। करीब 20 हजार रुपए का चारा पानी में खराब हो गया। उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया। कृष्णा देवी ने कहा- गलियां बन गईं थीं नदियां
कृष्णा देवी की आंखों में उस मंजर का खौफ अब भी ताजा है। उन्होंने बताया कि वह घर पर थीं, तभी खबर मिली कि गांव में पानी घुस गया है, बाहर निकली तो देखा, गलियां नदियों में बदल चुकी हैं।
वह आगे जानकारी देते हुए कहती हैं, "हर तरफ पानी ही पानी था, मानो गांव डूबने की कगार पर हो। आज पानी कम हुआ है तो घर से बाहर निकले हैं"। शाहरुख बोले- पहले ही मिल गई थी सूचना, नुकसान से बचाया
शाहरुख ने बताया कि उसे सुबह साढ़े छह बजे ही खबर मिल गई थी कि सोम नदी उफान पर है और गांव में पानी घुसने वाला है। उसने अपनी दिनचर्या छोड़कर तुरंत ग्रामीणों को इकट्ठा किया और पानी को रोकने के लिए जुट गए। उसकी सतर्कता ने गांव को बड़े नुकसान से बचा लिया, लेकिन फिर भी नुकसान तो हुआ ही है। गौरव बोले- प्रशासन की खानापूर्ति ने बढ़ाई मुसीबत
गौरव ने बताया कि हर साल नदी की पटड़ी टूट जाती है, जिसे हर बार ठीक करने के नाम पर प्रशासन खानापूर्ति कर देता है। सोम नदी की पड़ती को पक्का करने के लिए पत्थर लाकर नदी किनारे रख दिए, लेकिन उन्हें लगाया नहीं गया। यदि प्रशासन इन पत्थरों को समय रहते नदी की पटरी को पक्का करने के लिए इस्तेमाल कर लेता तो शायद इतना पानी नदी में ही कंट्रोल हो जाता। यहां जानिए बाढ़ से नुकसान पर अफसरों ने क्या कहा... किनारा नहीं टूटा, ओवरफ्लो हुआ पानी: एसडीएम
एसडीएम व्यासपुर जसपाल सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अब ठीक है। नदी का पानी खेतों के रास्ते धीरे-धीरे निकल रहा है। नदी में अचानक से 24 हजार क्यूसेक पानी आ जाने से हालात बिगड़ गए थे। गांव के आसपास कहीं से भी नदी का किनारा नहीं टूटा था। जैसे ही नदी में पानी का लेवल 10 हजार क्रॉस कर गया था, उन्होंने नदी किनारे बसे सभी गांवों में अलर्ट करा दिया था। अभी हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। उन्होंने आज भी कई प्रभावित गांवों का दौरा किया है। ग्रामीणों के कहने पर रोका था पत्थर लगाने का काम : एसई
सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल ने कहा कि चिंतपुरा के पास सोम नदी में लगाने के लिए पत्थर आ गए थे। इन पत्थरों को लगाने के लिए किनारे पर लगे कट्टे हटाने पड़ते। मानसून सीजन आने के डर से ग्रामीणों ने कहा कि अभी पत्थर लगाने का काम रोक दीजिए। ऐसे में उन्होंने पत्थर लगाने का काम रोककर एजेंसी से टेंपरेरी काम करा दिया था। अब मानसून सीजन खत्म होते ही पत्थर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। ---------------------- यमुनानगर में बाढ़ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... यमुनानगर में यमुना नदी में फंसा युवक, VIDEO:लकड़ी निकालने गया, अचानक बढ़ा जलस्तर; ड्रोन से भेजा मोबाइल, ट्यूब के सहारे किया रेस्क्यू यमुनानगर में आज यानी रविवार को यमुना नदी में बाढ़ के दौरान लकड़ियां निकालते समय एक व्यक्ति फंस गया। फतेहपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले 35 वर्षीय नूर अली ताजेवाला के पास यमुना नदी में लकड़ियां निकाल रहे थे। इस दौरान वे नदी के बीच में फंस गए। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप के तहसील अध्यक्ष सचिंद्र पवार ने मिर्जापुर पुलिस को सूचना दी। (पूरी खबर पढ़ें)
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