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    मन की बात का 123वां एपिसोड:PM बोले- इमरजेंसी में लोगों को प्रताड़ित किया गया; योग की भव्यता बढ़ती जा रही

    1 month ago

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    पीएम नरेंद्र मोदी ने आज रेडियो शो 'मन की बात' के 122वें एपिसोड के तहत देश को संबोधित कर रहे हैं। एपिसोड की शुरुआत में उन्होंने योग दिवस के बारे में बात की। उन्होंने कहा- 21 जून को देश दुनिया के करोड़ों लोगों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लिया। योग की भव्यता बढ़ती जा रही, लोग दैनिक जीवन में इसे अपना रहे। पीएम ने आगे कहा- इमरजेंसी के दौर में लोगों को प्रताड़ित किया गया। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गई। मीसा के तहत किसी को भी ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाता था, उन पर ऐसे ही अमानवीय अत्याचार किए गए। आखिर में जनता की जीत हुई और आपातकाल हटा लिया गया। जनता की जीत हुई और आपातकाल लगाने वालों की हार हुई। पीएम ने कहा- हमने इस बार योग दिवस की कितनी ही आकर्षक तस्वीरें देखीं। विशाखापत्तनम में 3 लाख लोगों ने एक साथ योग किया। हमारे नौसेना के जहाजों पर भी योग दिवस की झलक दिखी। दिल्ली के लोगों ने स्वच्छ के संकल्प से जोड़ा। जम्मू में लोगों ने दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज पर योग किया। पीएम ने बताया कि वडनगर में 2100 लोगों ने एक साथ भुजंगासन करके रिकॉर्ड बना दिया। इस बार की थीम भी काफी अलग थी। इस बार के योग दिवस की भव्यता लोगों को योग अपनाने को प्रेरित करेगी। पीएम मोदी के मन की बात संबोधन की मुख्य बातें... भारत ट्रेकोमा मुक्त हुआ: मैं आपको दो ऐसी उपलब्धियों के बारे में बताना चाहता हूं जो आपको गर्व से भर देंगी। पहली उपलब्धि स्वास्थ्य से जुड़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित कर दिया है। यह सफलता हमारे स्वास्थ्य कर्मियों की है। आज जब हर घर नल से जल पहुंच रहा है तो ऐसी बीमारियों का खतरा कम हुआ है। देश के 95 करोड़ लोग सरकारी योजनाओं के लाभार्थी: अभी इंटरनेशनल लेबल ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट आई है। इसमें सामने आया है कि देश के 95 करोड़ लोग किसी न किसी सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं। इन सफलताओं ने एक विश्वास दिलाया है कि आने वाले समय में भारत और सशक्त होगा। साथियों, जनभागीदारी से देश और आगे बढ़ रहा है। कैलाश श्रद्धा का केंद्र: धार्मिक यात्राएं सेवा के अवसर का महाअनुष्ठान होती है। जितने लोग यात्रा में जाते हैं उससे ज्यादा लोग उनकी सेवा में जुट जाते हैं। लंबे समय के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू हुई है। हिंदू, बौद्ध, जैन सभा परंपरा में कैलाश को श्रद्धा का केंद्र माना गया है। जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है, तो एक ही भाव सबसे पहले मन में आता है, "चलो, बुलावा आया है"। यही भाव हमारे धार्मिक यात्राओं की आत्मा है। ये यात्राएं शरीर के अनुशासन का, मन की शुद्धि का, आपसी प्रेम और भाईचारे का, प्रभु से जुड़ने का माध्यम है। मेघालय के एरी सिल्क को GI टैग मिला: हम अक्सर मन की बात में देश के यूनीक प्रोडक्ट की बात करते हैं। कुछ दिन पहले मेघालय का एरी सिल्क को जीआई टैग मिला है। इस सिल्क की कई ऐसी खूबियां जो इसे अन्य फैब्रिक से अलग बनाती है। इसे बनाने के लिए प्रयोग होने वाले रेशम के कीड़ों को मारा नहीं जाता है। इसकी खूबी है कि यह सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में ठंडक देता है। तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाओं पहले खेतों में मजदूरी करती थीं, आज मिलेट्स से बिस्किट तैयार कर रही हैं। उनकी कॉपरेटिव में 3 हजार से ज्यादा रोटी बनाई जाती है। गांव की रोटी शहर तक पहुंच रही है। बोडोलैंड ​​​​​में 70 हजार फुटबॉल खिलाड़ी: ​बोडोलैंड आज अपने नए रूप के साथ देश के सामने खड़ा है। बोडो टेरिटोरियल एरिया में 3 हजार से ज्यादा टीम और 70 हजार से ज्यादा खिलाड़ी फुटबॉल खेल रहे हैं। एक समय था जब बोडोलैंड संघर्ष कर रहा था। आज यहां से निकले फुटबॉल खिलाड़ी अपनी पहचान बना रहे हैं। कई ने सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों में रास्ते बनाए। अगर हमें अपने सामर्थ्य को बढ़ाना है तो हेल्थ पर ध्यान देना होगा। भोजन में 10 प्रतिशत तेल घटाइए और मोटापा कम कीजिए। 22 भाषाओं में ब्रॉडकास्ट होता है मन की बात कार्यक्रम मन की बात को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकास्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर से होती है। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था। मन की बात' पिछले तीन एपिसोड की खबरें पढ़ें...
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